IIT Kanpur Suicide: बेसुध मां को चमत्कार का इंतजार, पिता हैरान- आखिर 20 दिन में ऐसा क्या हो गया... आत्महत्या की वजह अस्पष्ट
आइआइटी की शोध छात्रा प्रियंका जायसवाल की मौत ने सभी को हैरान कर दिया है। पिता ने बताया कि 28 दिसंबर को वह प्रियंका को छोड़ने आए थे वह काफी खुश थी लेकिन यह नहीं सोचा था। उन्होंने उसके लिए चारपाई रजाई गद्दे और रोजमर्रा में काम के सामान के साथ साइकिल खरीदी थी। उन्होंने बताया कि प्रियंका ने बीटेक और एमटेक में अच्छा प्रदर्शन किया था।
जागरण संवाददाता, कानपुर। आइआइटी की शोध छात्रा प्रियंका जायसवाल की मौत से टूट चुके स्वजन को यकीन ही नहीं हो रहा कि उनकी होनहार बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही। रो-रोकर बेसुध हो चुकी मां को लग रहा था कि कोई चमत्कार होगा और उनकी बेटी उठ बैठेगी, जबकि उसकी छोटी बहन पहुंचते ही यही बोली कि ये क्या हो गया।
850 किमी की यात्रा करके शुक्रवार दोपहर झारखंड से कानपुर पहुंचे प्रियंका के स्वजन को आत्महत्या का कोई कारण समझ नहीं आ रहा है। पिता कह रहे थे, अभी 20 दिन पहले तो बिटिया ने आइआइटी में प्रवेश लिया था, कितनी खुश थी वह। स्वजन ने शाम को भैरोघाट पर ही बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया।
मूलरूप से झारखंड के दुमका जिले के रणबहियार गांव निवासी 29 वर्षीय प्रियंका जायसवाल ने 29 दिसंबर को आइआइटी में प्रवेश लिया था। प्रियंका के पिता नरेन्द्र जायसवाल बीसीसीए के माइंस रेस्क्यू स्टेशन सुदामडीह के प्रभारी वरीय प्रबंधक (खनन) हैं। वर्तमान में वह धनबाद के सुदामछही में रहते हैं।
प्रियंका की छोटी बहन लिपि मंगलौर से एमबीबीएस अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। पिता नरेन्द्र ने बताया कि 28 दिसंबर को वह प्रियंका को छोड़ने आए थे, वह काफी खुश थी लेकिन यह नहीं सोचा था। उन्होंने उसके लिए चारपाई, रजाई, गद्दे और रोजमर्रा में काम के सामान के साथ साइकिल खरीदी थी। उन्होंने बताया कि प्रियंका पढ़ने में काफी तेज थी। उसने बीटेक और एमटेक में अच्छा प्रदर्शन किया था।
वह इतना बड़ा कदम उठा लेगी ये सोचा भी न था
इन 20 दिनों में वह इतना बड़ा कदम उठा लेगी ये सोचा भी न था। प्रियंका की मां ज्योत्सना को भगवान में बहुत विश्वास है और वह छोटी बेटी लिपि के साथ शव से लिपटकर बोलीं कि अभी चमत्कार होगा और बेटी उठ बैठेगी। आइआइटी में उसकी साथियों का कहना है कि क्लासेज शुरू होने से पहले काउंसिलिंग सेशन भी हुआ था। प्रियंका के साथ-साथ सभी से उनकी परेशानियों, उनके भविष्य की तैयारियों के बारे में बात की गई थी।
उसमें भी प्रियंका ने किसी से कुछ नहीं कहा। कहीं से भी नहीं लग रहा था कि वह किसी तनाव में थी। पुलिस को कमरे से प्रियंका का मोबाइल मिला था और साथ ही कुछ दवाइयों की शीशी मिली थीं। पुलिस अभी आत्महत्या का कारण जानने के लिए छानबीन कर रही है। कमरे में मिले रैपर से पता चला था कि छात्रा ने फंदा लगाने के लिए रस्सी आनलाइन मंगाई थी।
आइआइटी में आत्महत्या घटनाओं पर एबीवीपी चिंतित
आइआइटी में लगातार आत्महत्या की घटनाओं पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी चिंता जाहिर की है। परिषद के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल और प्रांत मंत्री शिवाराजे बुंदेला ने बयान जारी कर संस्थान प्रशासन से अपेक्षा की है कि वह शिक्षण परिसर में सकारात्मक शैक्षिक वातावरण का निर्माण करे जहां विद्यार्थी आनंदमय तरीके से शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि शैक्षिक संस्थानों में स्वाध्याय, खेलकूद, कला एवं अन्य गतिविधियों और काउंसिलिंग सत्र को रुचिपूर्ण बनाने की आवश्यकता है। परिषद नेताओं ने आत्महत्या की घटनाओं की जांच कराने की मांग की है।
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