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सीसामऊ सीट पर गरमाई राजनीति, हटाए गए 100 से अधिक BLO; सपा-भाजपा में टकराव

उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इसमें सीसामऊ विधानसभा सीट भी आती है। इस सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या निर्णायक है। अब सपा-भाजपा में इस सीट को लेकर घमासान छिड़ गया है।मतदाता पुनरीक्षण अभियान में कार्य में शिथिलता बरतने पर हटाए गए 100 से अधिक मुस्लिम बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ के कारण यह बखेड़ा खड़ा हुआ है।

By shiva awasthi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 25 Aug 2024 10:55 AM (IST)
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हटाए गए 100 से अधिक BLO, सपा-भाजपा में टकराव

जागरण संवाददाता, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की दुंदुभि भले अभी तक नहीं बजी है, लेकिन प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा और सपा के बीच टकराव शुरू हो गया है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है। इस विधानसभा सीट पर मतदाता पुनरीक्षण अभियान में कार्य में शिथिलता बरतने पर हटाए गए 100 से अधिक मुस्लिम बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ के कारण यह बखेड़ा खड़ा हुआ है। आरोप है कि इनकी जगह जिला प्रशासन ने गैर मुस्लिम बीएलओ को नियुक्त किया है। अब दोनों ही दल इस मुद्दे को लेकर भिड़े हैं।

सपा की नगर इकाई ने बीएलओ के हटाने का मुद्दा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव तक पहुंचाया है। इसकी शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की गई है।

प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने ज्ञापन में कहा है कि सीसामऊ विधानसभा सीट में 98 से अधिक मुस्लिम बीएलओ को हटाकर वहां गैर मुस्लिम बीएलओ तैनात कर दिए गए हैं। इससे चुनाव व मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका है। कहा कि जब स्थानीय स्तर पर शिकायत की गई, तो हटाए गए 26 मुस्लिम बीएलओ फिर से नियुक्त कर दिए गए हैं। सपा नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद कहते हैं कि सपाई चौकसी बरत रहे हैं। भाजपा के इशारे पर चुनाव प्रभावित किया जा सकता है।

275 बूथों में अभी हैं मुस्लिम बीएलओ

भले सपा आरोप लगा रही है कि मुस्लिम बीएलओ बड़ी संख्या में हटा दिए गए हैं, लेकिन अभी तक 275 बूथों में कई मुस्लिम ही हैं। जिला प्रशासन कार्य में लापरवाही बरतने पर बीएलओ हटाकर उनकी जगह दूसरे नियुक्त करता है। एक अधिकारी के अनुसार, यह महज संयोग है कि वहां मुस्लिम बीएलओ अधिक हैं, जिससे वह हटे होंगे।

मदरसों के शिक्षकों को बनाया बीएलओ : भाजपा

भाजपा उत्तर जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय का कहना है कि सीसामऊ विधानसभा सीट में मदरसा के शिक्षक बीएलओ के रूप में काम कर रहे हैं। वह फर्जी ढंग से मतदाता बना देते हैं। मतदाता सूची में अनियमितता मिली है। कई गैर मुस्लिम परिवारों के नाम ही हटा दिए गए, इसे लेकर कई बार मामला उठा चुके हैं। ऐसे शिक्षकों को नौकरी जाने का खतरा भी नहीं है। इसलिए इन्हें अवश्य हटाया जाना चाहिए, क्योंकि ये जिला प्रशासन की आंख में धूल झोंक रहे हैं।

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, राजेश कुमार ने बताया-

जानबूझकर बीएलओ हटाने का कोई मामला संज्ञान में नहीं है। काम में लापरवाही बरतने वाले बीएलओ को हटाकर उनकी जगह दूसरे की नियुक्ति की जाती है। संभव है सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने काम में तेजी लाने के लिए बीएलओ बदले होंगे।

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