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शिक्षा के मंदिरों में ही मिलते हैं संस्कार : प्रतिभा शुक्ला

शिक्षा का उद्देश्य साक्षर नहीं बल्कि शिक्षित बनना होना चाहिए

By JagranEdited By: Updated: Thu, 14 Apr 2022 07:16 PM (IST)
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शिक्षा के मंदिरों में ही मिलते हैं संस्कार : प्रतिभा शुक्ला

शिक्षा के मंदिरों में ही मिलते हैं संस्कार : प्रतिभा शुक्ला

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात : शिक्षा का उद्देश्य साक्षर नहीं बल्कि शिक्षित बनना होना चाहिए। बिना संस्कारों के शिक्षा अधूरी है। यह संस्कार केवल शिक्षा के मंदिरों में ही मिल सकते हैं। यह बात राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।

अकबरपुर कस्बे में गुरुवार को गुरुकुलम ग्लोबल लर्निंग सेंटर के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि व्यक्ति का संस्कारवान होना आवश्यक है। बिना संस्कारों के शिक्षित समाज की संकल्पना भी नहीं की जा सकती। शिक्षा का उद्देश्य मात्र साक्षर नहीं बल्कि शिक्षित बनना होना चाहिए। शिक्षित समाज ही देश को तरक्की की राह पर ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षिक भी अपने धर्म का पालन करें और बच्चों को संस्कारित शिक्षा प्रदान करें। इस दौरान पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी, रज्जनलाल मिश्र, चंद्रशेखर पांडेय, सुभाष पांडेय, मदन पांडेय, योगेश्वर दत्त अवस्थी, डोरेलाल, सरमन तिवारी, पप्पू शुक्ला मौजूद रहे।