Amit Shah के इस बयान पर भड़के Akhilesh Yadav, याद दिलाई 30 जनवरी की बात
गृह मंत्री अमित शाह के संविधान हत्या दिवस वाले पोस्ट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए लिखा कि 30 जनवरी को ‘बापू हत्या दिवस’ व ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ के संयुक्त दिवस के रूप में मनाना चाहिए। लिखा कि इसी दिन चंडीगढ़ में भाजपा ने मेयर चुनाव में धांधली की थी। इसके साथ ही सपा प्रमुख ने भाजपा से सवाल करते हुए कई दिवस गिना दिए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट बताया था कि भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का रिएक्शन आया है उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को ‘बापू हत्या दिवस’ व ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ के संयुक्त दिवस के रूप में मनाना चाहिए।
गृह मंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था कि 'संविधान हत्या दिवस' उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था। लिखा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था।
अखिलेश यादव ने 30 जनवरी का क्यों किया जिक्र?
अखिलेश यादव ने 30 जनवरी को ‘बापू हत्या दिवस’ व ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का सुझाव देते हुए लिखा कि इसी दिन चंडीगढ़ में भाजपा ने मेयर चुनाव में धांधली की थी। इसके साथ ही सपा प्रमुख ने भाजपा से सवाल करते हुए कई दिवस गिना दिए।उन्होंने आगे लिखा कि मणिपुर में नारी के मान-अपमान हत्या दिवस, हाथरस की बेटी हत्या दिवस, लखीमपुर में किसान हत्या दिवस, कानपुर देहात में मां-बेटी हत्या दिवस, तीन काले कानूनों से कृषि हत्या दिवस, पेपर लीक करके हुए परीक्षा प्रणाली हत्या दिवस और अग्निवीर से हुए सामान्य सैन्य भर्ती हत्या दिवस जैसे भाजपा राज में आए अनेक काले दिनों के लिए कौन सी तिथि चुनी जाए?
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