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Lucknow University: एमबीए और डीफार्मा में सबसे ज्यादा दाखिले की मांग, तीन साल में इस बार सबसे ज्यादा प्रवेश

लखनऊ विश्वविद्यालय में बीबीए में पिछले साल 182 प्रवेश हुए। इस बार यह संख्या 188 पहुंच गई। बीबीए आइबी में 62 से पढ़कर 75 और बीबीए एमएस पाठ्यक्रम में 51 की जगह इस बार 66 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaUpdated: Tue, 29 Nov 2022 11:09 AM (IST)
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लखनऊ विश्वविद्यालय में एमबीए और डीफार्मा में सबसे ज्यादा दाखिले की मांग.

लखनऊ, जागरण संवाददाता। एक ओर कई डिग्री कालेजों में सीटें खाली रह गईं। वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय के एमबीए, बीबीए, डीफार्मा सहित कई ऐसे पाठ्यक्रम हैं, जहां प्रवेश के लिए सबसे ज्यादा होड़ रही। इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट साइंस (आइएमएस) में संचालित एमबीए में तीन साल में सबसे ज्यादा प्रवेश हुए हैं। डीफार्मा में भी सभी सीटें फुल हो गईं। विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में यह आंकड़े सामने आए हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट साइंस (आइएमएस), इंस्टीट्यूट आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज सहित कई संस्थान संचालित हैं। इस बार यहां चलने वाले प्रोफेशनल कोर्सों में दाखिले की मांग अधिक रही। यही वजह है कि पिछले तीन साल में अधिक प्रवेश हुए। अभी जो सीटें खाली हैं, उन पर भी प्रवेश का मौका देने की तैयारी चल रही है।

एमबीए कोर्स

सत्र प्रवेश हुए

  • 2020-21 - 227
  • 2021-22 -130
  • 2022-23 - 355

बीफार्मा

  • सत्र 2021-22 : 106
  • सत्र 2022-23 : 110

डीफार्मा

  • सत्र 2021-22 : 66
  • सत्र 2022-23 : 66

इनमें भी हुआ इजाफा : बीबीए में पिछले साल 182 प्रवेश हुए। इस बार यह संख्या 188 पहुंच गई। बीबीए आइबी में 62 से पढ़कर 75 और बीबीए एमएस पाठ्यक्रम में 51 की जगह इस बार 66 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। बीवाक में 17 से बढ़कर 20 प्रवेश हो गए। एमएससी में पिछले साल 20 प्रवेश हुए थे। वर्तमान सत्र में दाखिले की प्रक्रिया अभी जारी है।

बढ़ाई गईं सुविधाएं : आइएमएस की ओएसडी प्रोफेसर विनीता काचर ने बताया कि संस्थान में लगातार सुधार हो रहा है। यही वजह है कि एमबीए प्रवेश पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना रहा है। उन्होंने बताया कि ओएसडी, कार्यालय और संकाय सदस्यों के कार्यालयों के साथ संस्थान का नवीनीकरण किया गया है। कंप्यूटर लैब को सिस्टम इंफ्रास्ट्रक्चर को भी अपडेट किया गया। नई शिक्षा नीति के मुताबिक किताबों के नए टाइटल के साथ लाइब्रेरी में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। इन सभी के अलावा लगभग 18 नए फैकल्टी सदस्यों को आईएमएस में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है। कक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है।