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चार राज्यों में हुए चुनाव को लेकर मायावती नाराज, इन बातों को कहा सस्ती लोकप्रियता; गठबंधन को बताया नुकसानदायक

बसपा प्रमुख मायावती ने चार राज्यों में हुए चुनाव और उनके नतीजों को लेकर भी एक बार फिर सवाल उठाए। उन्होंने चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि विरोधी पार्टियों ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए लुभावने व कभी न पूरा किए जाने वाले वादे करके चुनाव को प्रभावित किया। चुनाव का माहौल बहुकोणीय संघर्ष होने के बावजूद परिणाम एकतरफा हो जाता है।

By Anand MishraEdited By: Shivam YadavUpdated: Sun, 10 Dec 2023 06:11 PM (IST)
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मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं किया दोगुणी मेहनत का आह्वान।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने चार राज्यों में हुए चुनाव और उनके नतीजों को लेकर भी एक बार फिर सवाल उठाए। उन्होंने चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि विरोधी पार्टियों ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए, लुभावने व कभी न पूरा किए जाने वाले वादे करके चुनाव को प्रभावित किया। 

चुनाव का माहौल बहुकोणीय संघर्ष होने के बावजूद परिणाम एकतरफा हो जाता है। सरकार विरोधी लहर के बावजूद चुनाव परिणाम लोगाें की अपेक्षा के अनुरूप नहीं होते। ऐसे में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव है। 

कार्यकर्ताओं की बैठक में उन्होंने पदाधिकारियों को सावधान करते हुए कहा कि आगे लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनावी माहौल को जातिवादी, सांप्रदायिक व धार्मिकता के गैर जरूरी रंग में झोंक कर प्रभावित करने का प्रयास किया जाएगा।

गठबंधन से बसपा को होता है नुकसान

मायावती ने गठबंधन के नफे-नुकसान के गणित को भी पदाधिकारियों से साझा किया। कहा, चुनावी गठबंधन से बसपा को नुकसान ज्यादा होता है, क्योंकि हमारा वोट दूसरी पार्टियों को ट्रांसफर हो जाता है जबकि दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं करा पातीं। 

मायावती ने कहा, गठबंधन में सकारात्मकता कम व नकारात्मकता ज्यादा है। यूपी में इसका अनुभव बहुजन मूवमेंट के हित में बहुत ही कड़वा व खराब रहा है। इसलिए बसपा का प्रयास नेताओं और पार्टियों को जोड़ने में समय और ऊर्जा लगाने के बजाए बहुजन समाज के विभिन्न अंगों को भाईचारे के आधार पर जोड़कर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने पर होना चाहिए।

बसपा ने पांच किलो सरकारी अनाज देकर नहीं हासिल की सस्ती लोकप्रियता

बसपा प्रमुख ने एक बार फिर, बेरोजगारी भत्ता व पांच किलो सरकारी अनाज देने की राजनीतिक घोषणाओं पर तंज कसा है। कहा, यूपी में बसपा की सरकार में सस्ती लोकप्रियता वाले कार्य नहीं किए गए बल्कि लोगों को इज्जत से जीने के लिए लाखों की संख्या में सरकारी व गैर सरकारी स्थायी रोजगार मुहैया कराने का रिकॉर्ड बनाया गया। रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर पलायन रोका गया, जिसमें यूपी की अब तक की सरकारें विफल रही हैं।

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