UP News: गंगा एक्सप्रेसवे को महाकुंभ से पहले पूरा करने की तैयारी, 5664 करोड़ की मिली स्वीकृति
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के लिए 5664 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। यह स्वीकृति एक्सप्रेसवे के वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) की प्रतिपूर्ति के लिए दी गई है। इस मद में अनुपूरक बजट में प्रविधान किया गया था।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गंगा एक्सप्रेसवे को महाकुंभ से पहले पहले पूरा करने और इससे जुड़े तमाम वित्तीय अवरोधों को दूर करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है। मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसव के लिए 5664 करोड़ रुपये की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। यह स्वीकृति एक्सप्रेसवे के वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) की प्रतिपूर्ति के लिए दी गई है। इस मद में अनुपूरक बजट में प्रविधान किया गया था।
उल्लेखनीय है कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भारत सरकार से वायबिलिटी गैप फंडिंग के मद में कोई राशि प्राप्त नहीं हो रही है। ऐसे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा तैयार माडल बिड डाक्यूमेंट व कंसेशन एग्रीमेंट के तहत पीपीपी मोड पर डीबीएफओटी (टोल) के आधार पर पहल की गई है।
इस मद में 7742 करोड़ रुपये का शत प्रतिशत भुगतान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाना है। चालू वित्तीय वर्ष में इस राशि के सापेक्ष 6665 करोड़ की आवश्यकता बताई गई है। फिलहाल इसके सापेक्ष 5665 करोड़ रुपये की की स्वीकृति दी गई है। बता दें कि 26 नवंबर 2020 को गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया था। उस समय परियोजना की अनुमानित लागत 36,410 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
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