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UP News: पत्नी ने रची थी साजिश और साले ने की इंस्पेक्टर की हत्या, पुलिस ने इस तरह कर दिया पूरे हत्याकांड का खुलासा

Inspector Murder Case करवा चौथ पर इंस्पेक्टर पति सतीश कुमार सिंह की लंबी आयु की कामना के लिए का व्रत रखने वाली पत्नी भावना ने ही अपने सुहाग को खत्म करने की साजिश रची थी। इंस्पेक्टर की मानसनगर में घर के सामने हुई हत्या के आरोप में साले देवेन्द्र और साजिश रचने के आरोप में पत्नी भावना को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 20 Nov 2023 11:20 AM (IST)
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पत्नी ने रची थी साजिश और साले ने की इंस्पेक्टर की हत्या

जागरण संवाददाता, लखनऊ। करवा चौथ पर इंस्पेक्टर पति सतीश कुमार सिंह की लंबी आयु की कामना के लिए का व्रत रखने वाली पत्नी भावना ने ही अपने सुहाग को खत्म करने की साजिश रची थी।

इंस्पेक्टर की मानसनगर में घर के सामने हुई हत्या के आरोप में साले देवेन्द्र और साजिश रचने के आरोप में पत्नी भावना को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने पुलिस को बताया कि सतीश के कई युवतियों से संबंध थे।

दोस्तों के साथ ही लड़कियों को घर लाता था, रात-रात भर घर पर उन्हें अलग कमरे में रखता था। उसकी हरकतों से त्रस्त होकर तीन माह पहले भावना और देवेन्द्र ने सतीश की हत्या साजिश रची थी। दोनों को सतीश की हरकतों से 12 वर्षीय बेटी पर भी गलत प्रभाव पड़ने का डर था।

डीसीपी दक्षिणी विनीत जायसवाल ने बताया कि पकड़ा गया देवेन्द्र प्राग नारायण रोड के जयप्रकाश नगर का रहने वाला है। उसने इंस्पेक्टर सतीश की क्रेटा कार में जीपीएस लगाकर उसका एक्सेस अपने मोबाइल पर ले रखा था ताकि इंस्पेक्टर की लोकेशन हर समय उसे मिलती रहे।

हत्या से चार दिन पहले देवेंद्र ने पुरानी साइकिल खरीदी और चारबाग रेलवे स्टेशन के स्टैंड पर लगा दी थी। कानपुर से एक तमंचा और पिस्टल खरीद कर लाया था। 11 नवंबर को देवेंद्र ने बहन भावना से बताया था कि दीपावली की रात वह सतीश की हत्या करेगा।

भावना, पति सतीश और बेटी के साथ राजाजीपुरम में ननद के घर गई थी। उधर, देवेन्द्र ने जयप्रकाश नगर में घर पर भांजे को अपना मोबाइल फोन दे दिया था, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस न हो। देवेन्द्र ने नया सिम और मोबाइल लिया। मोबाइल लेकर हत्या करने के लिए देवेन्द्र साइकिल से ही बहन के घर की तरफ चल दिया।

मानसनगर पहुंचने पर पता चला कि सतीश अपनी बहन के घर से निकला है। रात करीब एक बजे भावना ने सतीश से कहा कि उसके सिर में दर्द हो रहा है। घर जाने की जिद करने लगी। कार में जीपीएस लगा होने से जीजा की लोकेशन पता चल रही थी। वह बहन के घर पहुंचकर घात लगाकर बैठ गया।

देवेन्द्र ने टोपी और मास्क लगा रखा था। रात 2:10 बजे सतीश कार से बेटी और पत्नी के साथ मानसनगर पहुंचा। भावना और बेटी कार में थी। सतीश गेट खोलने लगा। पीछे से देवेन्द्र ने सतीश पर पहले तमंचे से एक और पिस्टल से चार गोलियां मारीं।

भावना कार में थी और सब कुछ देख रही थी। 65 सेकेंड बाद भावना कार से चीख पुकार करते हुए निकली। इसके बाद लोग एकत्र हो गए। देवेन्द्र साइकिल से गलियों में घूमते हुए पारा पुल के पास पहुंचा। वहां पर लोअर, जैकेट, मास्क, टोपी उतार कर नहर की तरफ फेंक दिया।

तमंचा और पिस्टल भी फेंक दी। वह काले रंग के फीते वाली हवाई चप्पल पहने था और साइकिल से चौक के चरक चौराहे पहुंचा वहां, साइकिल खड़ी कर ई-रिक्शे से बालू अड्डे के पास उतरा था। इसके बाद अपने घर चला गया। भावना ने हत्या की जानकारी देकर देवेन्द्र को बुलाया, तब वह अपने घर पहुंचा था और लौटकर कृष्णानगर थाने पहुंचा, जिससे लगे कि जीजा की हत्या के बाद ही सूचना पाकर आया है।