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विद्यार्थियों को गिनती व अक्षर का कितना है ज्ञान? अब यूपी के स्कूलों में होगी थर्ड पार्टी जांच

राज्य ब्यूरो लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को निपुण बनाने के लिए अब थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी। निपुण भारत मिशन के तहत छात्रों को भाषा व गणित में दक्ष बनाया जाना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन (सीएसएफ) संस्था के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। यह स्कूलों में चल रहे अभियान की हकीकत की जांच करेगी।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 21 Sep 2024 07:38 PM (IST)
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अब छात्रों को निपुण बनाने की होगी थर्ड पार्टी जांच - प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को निपुण बनाने की अब थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी। निपुण भारत मिशन के तहत छात्रों को भाषा व गणित में दक्ष बनाया जाना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन (सीएसएफ) संस्था के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। यह स्कूलों में चल रहे अभियान की हकीकत की जांच करेगी और जो भी जरूरी सहयोग होगा इसके विशेषज्ञ शिक्षकों को देंगे।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सीएसएफ संस्था के साथ समन्वय कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (जांच) कराएं। अभी पहले चरण में सीतापुर, गोरखपुर व अलीगढ़ के सभी विकासखंडों के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों का मूल्यांकन यह संस्था करेगी।

विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी संस्था

विद्यार्थियों को गिनती व अक्षर ज्ञान है या नहीं और विद्यालय में निपुण भारत मिशन ढंग से चलाया जा रहा है या नहीं इसकी विस्तृत रिपोर्ट राज्य परियोजना कार्यालय को यह संस्था देगी। संस्था के प्रतिनिधि यह देखेंगे कि इस मिशन के लिए भेजी गई शिक्षण सामग्री का शिक्षक प्रयोग कर रहे हैं या नहीं। अगर वह ढंग से इसका प्रयोग नहीं कर रहे तो शिक्षकों को यह समझाएंगे कि किस तरह इसका उपयोग किया जाना है।

निपुण भारत मिशन के तहत वर्ष 2026-27 तक प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा दो तक के छात्रों को गणित व भाषा में दक्ष बनाया जाना है। ऐसे विद्यालय जहां न्यूनतम 80 प्रतिशत छात्र इसमें दक्ष होंगे उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। अच्छा कार्य करने वाले विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा। विद्यालय को 25 हजार रुपये का पुरस्कार मिलेगा जिसे प्रधानाध्यापक विद्यालय हित में खर्च कर सकेगा। फिलहाल अब इस संस्था की मदद से निपुण भारत मिशन की बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी।

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