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मुर्दा कर रहा फरियाद, मुझे जिंदा कर दो साहब

मुर्दा कर रहा फरियाद मुझे जिंदा कर दो साहब

By JagranEdited By: Updated: Wed, 03 Aug 2022 03:59 AM (IST)
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मुर्दा कर रहा फरियाद, मुझे जिंदा कर दो साहब

मुर्दा कर रहा फरियाद, मुझे जिंदा कर दो साहब

अमित यादव, बरनाहल: नाम गंगा सिंह। उम्र 80 वर्ष। पता मजरा जाफरपुर। जीवित हैं, पर कागजों में मुर्दा हैं। यह एक ऐसी कड़वी सच्चाई है, जो सरकारी कार्यप्रणाली के लापरवाह चेहरे को बेनकाब कर रही है। पर सरकारी विभाग हैं कि अपनी गलती को भी स्वीकारने को तैयार नहीं। कागजों में दर्ज मुर्दा, खुद उनके दर पर खुद को जिंदा की करने की फरियाद कर रहा है। परंतु एक माह में भी गलती नहीं सुधर सकी है। दर-दर भटकने के बाद पीड़ित से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। किसान गंगा सिंह के दो पुत्र हैं। परंतु गंगा सिंह अपने दोनों पुत्रों से अलग अपनी पत्नी होमश्री के साथ रहते हैं। वह अपनी आजीविका एक खेत के छोटे से टुकड़े, वृद्धावस्था पेंशन और किसान सम्मान निधि से मिलने वाली धनराशि से चलाते हैं। बीते तीन जुलाई को गंगा सिंह कस्बा स्थित बैंक में पेंशन निकलने के लिए पहुंचे तो बैंक कर्मचारी ने कहाकि राशि आना बंद हो गयी है। परेशान गंगा सिंह ने समाज कल्याण कार्यालय की दौड़ लगाई। गंगा सिंह के मुताबिक वहां कर्मचारी पासबुक और आधार कार्ड नंबर कंप्यूटर में डाला तो चला कि वह तो रिकार्ड में मृत हैं। समाज कल्याण विभाग ने कर्मचारियों ने मामला नगर पंचायत का होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद पीड़ित ने नगर पंचायत कार्यालय के चक्कर काटे। कई बार जाने के बाद कर्मचारियों ने बताया कि गलती के चलते उनका नाम मृतकों की सूची में शामिल हो गया है। जल्द ठीक कर दिया जाएगा। परंतु करीब एक माह बाद भी गंगासिंह कागजों में जिंदा नहीं हो सके हैं। गंगा सिंह ने बताया कि इस दौरान वह कई अधिकारियों के पास फरियाद लेकर गए, परंतु किसी ने सुनवाई नहीं की। अब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेजकर खुद को जिंदा घोषित कराने की मांग की है। सर्वें में हुई गड़बड़ी नगर पंचायत द्वारा करीब डेढ़ माह पूर्व नगर सहित मजरों में वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन आदि सरकारी योजनाओं के पात्रों का सर्वे कराया गया था। इसी सर्वे में नगर पंचायत कर्मचारियों ने पीड़ित गंगा सिंह को मृत दर्शा दिया गया। घर खर्च चलाने में भी मुश्किल गंगा सिंह का कहना है कि वह और उनकी पत्नी सरकारी योजनाओं से मिलने वाली राशि से गुजर-बसर करते हैं। अब पेंशन आदि बंद होने से उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। लाभार्थियों के सत्यापन में किसी कर्मचारी से यह लापरवाही हुई है। मामला संज्ञान में आया है। गलती करने वाले कर्मचारी की पहचान कर कार्रवाई की जएगी। कागजों में मृत दर्शाए जाने की गलती को सुधार दिया जाएगा। डा. कल्पना बाजपेई, ईओ नगर पंचायत