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Vrindavan Corridor: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर पर क्या अपनी जेब से पैसा लगाएगी यूपी सरकार, या लेगी प्रखर की मदद

Banke Bihari Mandir Corridor - ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए पांच एकड़ में प्रस्तावित गलियारा मामले में गेंद अब प्रदेश सरकार के पाले में आ गई है। सेवायत पहले ही कह चुके हैं कि वह मंदिर का पैसा गलियारा के लिए नहीं देंगे। अब सरकार को इस पर विचार करना है कि वह अपना पैसा गलियारा में लगाती है या फिर आगरा के कारोबारी से सहयोग लेगी।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 09 Oct 2023 05:30 AM (IST)
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सरकार ने ढाई सौ करोड़ रुपये भी उपयोग में लाने का प्रस्ताव हाई कोर्ट में दिया है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए पांच एकड़ में प्रस्तावित गलियारा मामले में गेंद अब प्रदेश सरकार के पाले में आ गई है। सेवायत पहले ही कह चुके हैं कि वह मंदिर का पैसा गलियारा के लिए नहीं देंगे। अब सरकार को इस पर विचार करना है कि वह अपना पैसा गलियारा में लगाती है या फिर आगरा के कारोबारी से सहयोग लेगी। 

सरकार अब भी मंदिर का पैसा लेने की बात कहती है तो सेवायत प्रखर की अर्जी को मुद्दा बना सकते हैं। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए प्रस्तावित गलियारे पर करीब 510 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार ने इसके लिए बैंक में जमा मंदिर के करीब ढाई सौ करोड़ रुपये भी उपयोग में लाने का प्रस्ताव हाई कोर्ट में दिया है।

प्रखर ने कही है 510 करोड़ देने की बात

मंदिर सेवायत इसके विरोध में हैं। उनका कहना है कि हमें गलियारा से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हम सरकार को मंदिर का पैसा नहीं देंगे। सरकार और सेवायतों के इस विवाद के बीच शुक्रवार को आगरा के कारोबारी प्रखर गर्ग ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर गलियारा के लिए 510 करोड़ रुपये देने की बात कही। 

प्रखर की अर्जी भी बन सकती है मुद्दा

हाई कोर्ट ने भी सरकार से पूछा, क्या सरकार के पास पैसे की कमी है। अब सरकार को हाई कोर्ट में अपना जवाब देना है। यदि धन की कमी सरकार बताती है तो प्रखर की अर्जी को भी सेवायत मुद्दा बना सकते हैं। 

सरकार यदि यह कहती है कि धन की कमी नहीं है, तो फिर उसे ही गलियारा के लिए रुपये लगाने पड़ सकते हैं। 11 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में सरकार अपना जवाब दाखिल कर सकती है। इस मामले में याचिकाकर्ता अनंत शर्मा कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।

मंदिर का रुपया लगाया तो आएगा सेवा पर संकट

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत और मुकदमे में पैरवी कर रहे रजत गोस्वामी कहते हैं कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सेवाओं और अन्य कार्य पर प्रतिवर्ष करीब 12 से 15 करोड़ रुपये का खर्च है। मंदिर की एफडी के रूप में जमा धनराशि पर जो ब्याज मिलता है, उससे यह खर्च चलता है। सरकार यह धन लेगी तो एक भी दिन सेवा नहीं चल पाएगी।

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