तीन माह में बदल जाएगा हस्तिनापुर वन्य जीव सेंक्चुअरी का नक्शा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पाच जिलों में फैली हस्तिनापुर वन्य जीव अभयारण्य की हद
मेरठ,जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पाच जिलों में फैली हस्तिनापुर वन्य जीव अभयारण्य की हदबंदी करने का निर्देश दिया है। 2073 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली सेंक्चुअरी का आकार 50 फीसद घटाया जाएगा। मंडलायुक्त की अगुआई में पाच जिलों के जिलाधिकारी समेत सभी संबंधित अधिकारी सेंक्चुअरी का नया नक्शा तय करेंगे। स्वाड डियर को केंद्र में रखकर जंगल के घने इलाकों के चारों ओर बाउंड्री बनाई जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक अब सेंक्चुअरी 1094.9 वर्ग किमी में सिमटेगी।
जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय और राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति मिल चुकी है। बताया कि इस सेंक्चुअरी का 1986 में नोटिफिकेशन किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे जंगल के आसपास आबादी और खेतों का क्षेत्रफल बढ़ गया, जिससे वन्य जीवों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया। वन विभाग ने 1996, 1999 से लेकर 2010 और 2012 के बीच प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर सेंक्चुअरी की हदबंदी करने की सिफारिश की। मामला एनजीटी में पहुंचा, जहा 17 नवंबर 2020 को कोर्ट ने मंडलायुक्त को नोडल अधिकारी बनाते हुए सर्वे कराने के लिए कहा।
वाइल्ड लाइफ इंस्टीटयूट आफ इंडिया देहरादून ने वन्य क्षेत्र की पैमाइश कर बताया कि स्वाड डियर इस सेंक्चुअरी का सबसे महत्वपूर्ण जीव है। जिसके संरक्षण का खास ध्यान देते हुए वन्य क्षेत्र का नया नक्शा बनाना होगा। मेरठ में पाच पाकेट ऐसे हैं, जहा वन्य जीवों की बड़ी संख्या है, वहीं हैदरपुर क्षेत्र को काफी संवेदनशील माना गया है। यह सेंक्चुअरी मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बिजनौर और अमरोहा जिलों में फैली हुई है। नए बदलाव के तहत कई गावों को वन्य क्षेत्र से मुक्त किया जाएगा। अन्य विभागों की जमीन को भी समायोजित किया जाएगा।