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Meerut Crime: मनोहर नाथ मंदिर में हवन कुंड के निर्माण को लेकर जबरदस्त हंगामा, चार लोग गिरफ्तार

Meerut News मनोहर नाथ मंदिर में हवन कुंड के निर्माण को लेकर दो पक्षों में मारपीट और पथराव से अफरातफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। हंगामा कर रहे चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

By abhishek kaushikEdited By: Nirmal PareekUpdated: Mon, 02 Jan 2023 04:16 PM (IST)
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मनोहर नाथ मंदिर में हवन कुंड के निर्माण को लेकर जबरदस्त हंगामा

जागरण संवाददाता, मेरठ: रविवार रात मनोहर नाथ मंदिर में हवन कुंड के निर्माण को लेकर बखेड़ा हो गया। दोनों पक्षों में मारपीट और पथराव से अफरातफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। सीओ और अन्य थानों की फोर्स भी पहुंच गई। हंगामा कर रहे चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पक्षों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज हो गई है, जबकि पुलिस की ओर से भी दोनों पक्षों पर बवाल करने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

अवैध निर्माण की बात कहते हुए एक पक्ष का हंगामा

कोतवाली निवासी सुशील गोस्वामी सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित मनोहर नाथ मंदिर की जमीन पर अपना दावा करते हैं, जबकि वर्तमान महंत नीलिमानंद ट्रस्ट की जमीन बताती हैं। रविवार को मंदिर में हवन कुंड बनाया जा रहा था। इसको लेकर सुशील गोस्वामी पक्ष विरोध करने लगा। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करा दिया था। कुछ देर बाद सुशील पक्ष लौट आया और अवैध निर्माण करने की बात कहते हुए हंगामा कर दिया। इस पर दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी और पथराव में कई लोग घायल हो गए। इसके अलावा मंदिर परिसर में खड़े वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।

मौके पर पुलिस फोर्स तैनात

वहीं घटना के बाद सीओ सिविल लाइंस अरविंद चौरसिया और कई थानों की फोर्स पहुंची। पुलिस ने सुशील गोस्वामी, उनके बेटे जीशान और ईशान व एक अन्य को गिरफ्तार कर थाने भेज दिया। पुलिस द्वारा घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उनका उपचार किया गया। एसपी सिटी ने बताया कि मौके पर पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है।

यह है मंदिर का विवाद

सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर में पिछले कई वर्ष से 24 कुंडीय सूर्य नारायण महायज्ञ का आयोजन होता रहा है। इस बार भी इसका आरंभ होना था। विरोध के चलते केवल एक यज्ञ वेदी बनाई गई थी, जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया। मंदिर की वर्तमान में महंत नीलिमानंद हैं, जबकि दूसरा पक्ष भूमि पर अपना कब्जा बताता है। कई वर्षों से यह मामला कोर्ट में चल रहा है। पिछले कुछ समय में दोनों पक्ष कई बार आमने-सामने आ चुके हैं।