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कृष्णानंद राय हत्याकांड में अफजाल अंसारी को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार साल की सजा की निलंबित

इलाहाबाद हाई कोर्ट से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को राहत मिल गई है। जस्टिस संजय कुमार सिंह ने गैंगस्टर एक्ट में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई चार साल की सजा निलंबित कर दी है। साथ ही राज्य सरकार और विधायक कृष्णानंद राय के बेटे की तरफ से की गई सजा बढ़ाने की अपील को खारिज कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 29 Jul 2024 03:53 PM (IST)
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कृष्णानंद राय हत्याकांड में अफजाल अंसारी को राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द की चार साल की सजा

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में गैंगस्टर एक्ट में सजा के खिलाफ सपा सांसद अफजाल अंसारी की अपील मंजूर कर ली है। कोर्ट ने राज्य सरकार और दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की सजा को बढ़ाने की अपीलें खारिज कर दी हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने सोमवार को दिया। कोर्ट ने तीनों अपील पर लंबी सुनवाई के बाद गत चार जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

अफजाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी एवं डीएस मिश्र व एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो गैंग चार्ट बनाया है, उसमें कई सदस्य बनाए गए लेकिन गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही केवल तीन लोगों पर की गई।

ट्रायल कोर्ट में विवेचक के बयान से यह स्पष्ट भी है कि ऐसा राजनीतिक द्वेषवश किया गया। इसके अलावा जिस मूल मुकदमे के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई, उस मामले में उन्हें बरी किया जा चुका है और गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे के बाद उनके खिलाफ दो ही मामले दर्ज हुए और वे भी 2009 एवं 2014 के चुनाव को लेकर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़े।

स्वयं विवेचक ने ट्रायल कोर्ट में अपने बयान में कहा है कि चार साल तक वह मोहम्मदाबाद थाने के इंचार्ज रहे, अफजाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा तो क्या किसी ने छोटी मोटी शिकायत भी नहीं की। ऐसे में अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता अलबत्ता राजनीतिक द्वेषवश के मुकदमों में कानून के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट लागू ही नहीं होता इसलिए अफजाल अंसारी को सुनाई गई सजा निरस्त की जानी चाहिए।

इससे पूर्व राज्य सरकार की अपील पर अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अपनी बहस में कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है। ट्रायल कोर्ट ने ऐसा करने के पीछे अफजाल अंसारी की आयु (70 वर्ष) ओर उनके दो बार सांसद एवं कई बार विधायक चुने जाने के मद्देनजर किया है जबकि कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त की आयु उस समय की देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था।

साथ ही ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी के सांसद एवं विधायक चुने को भी कम सजा का आधार बनाया है लेकिन यह भी उचित नहीं किया गया। क्योंकि जिन पर देश का भविष्य बनाने का दायित्व है, वे ही अगर अपराध करें तो उन्हें अधिकतम दंड दिया जाना चाहिए था। पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने सरकार की ओर से प्रस्तुत तर्कों पर पूरी तरह सहमति जताई थी।

गौरतलब है कि अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए ने चार साल कैद की सजा सुनाई है, जिसके खिलाफ अफजाल अंसारी ने अपील दाखिल की है। अपील में सजा को रद्द करने की मांग की गई है। विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के आधार पर मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और एजाजुल हक पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा कायम किया गया था।

हाईकोर्ट ने पूर्व में अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस पर अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर स्थगनादेश देते हुए हाईकोर्ट को अपील का निस्तारण 30 जून तक करने का निर्देश दिया था। उधर, राज्य सरकार और दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाने की अपील दाखिल की। अफजाल की ओर से सरकार की अपील पर आपत्ति दाखिल की गई थी।

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