UP News: कांग्रेस के 99 सांसदों के खिलाफ नए सिरे से याचिका की छूट, HC ने कहा- याची की सदाशयता को नियमानुसार नहीं किया गया है स्पष्ट
याचिका में कहा गया था कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में गारंटी कार्ड जारी किया। इसमें गरीब पिछड़े दलित व अल्पसंख्यकों को चुनाव के बाद 8500 रुपये प्रतिमाह देने का झूठा वादा कर वोट देने का लालच दिया गया। यह कार्य लोक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। कांग्रेस पार्टी ने गारंटी कार्ड जारी किए जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कांग्रेस के 99 सांसदों को अयोग्य घोषित कर पार्टी का पंजीकरण रद करने व चुनाव चिह्न जब्त करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर नियमों के तहत सदाशयता स्पष्ट न करने के कारण हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है।
हालांकि कोर्ट ने याची को सदाशयता (अच्छी नीयत) व अपनी क्रेडेंशियल (साख) की जानकारी देने के साथ दोबारा याचिका दायर करने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने फतेहपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह (भारती देवी) की जनहित याचिका खारिज करते हुए दिया है।
याची के अधिवक्ता ओपी सिंह ने कहा कि व्यक्तिगत विवरण हलफनामे में देना जरूरी होता है। यह तथ्य याचिका में नहीं था। अब विस्तृत तथ्यों के साथ नए सिरे से याचिका दाखिल की जाएगी। वादा पत्र के साथ पावती लोगों को दी गई ताकि उन्हें यह विश्वास हो जाए कि जिसके पास पावती होगी, उन लोगों को कांग्रेस के पक्ष में वोट देने के बाद पार्टी की तरफ से 8,500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।
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याची के अनुसार इस संबंध में पूर्व में चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। आयोग ने कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को एडवायजरी नोटिस दो मई को जारी किया था, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने नोटिस के बाद भी गारंटी कार्ड वापस नहीं लिया।
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कांग्रेस का यह कृत्य जन प्रतिनिधित्व अधिनियम व आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। साथ ही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अंतर्गत भी अपराध है। याची का कहना है कि इस संबंध में उसने चुनाव आयोग को भी प्रत्यावेदन दिया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।