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Rampur News: गांव एक और थाने तीन, पुलिस भी हो जाती है भ्रमित; जानें क्या है पूरा मामला

स्वार तहसील का सोनकपुर गांव तीन थानों में बंटा है। चार हजार की आबादी वाले इस गांव का एक हिस्सा स्वार थाने में तो दूसरा टांडा थाने में आता है जबकि तीसरा हिस्सा अजीमनगर थाने की सीमा में है। इस गांव में जब कोई विवाद होता है तो तीनों थानों की पुलिस दौड़ी चली आती है। कई बार तो सीमा विवाद में उलझ जाती है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sun, 22 Sep 2024 06:35 AM (IST)
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स्वार तहसील का सोनकपुर गांव तीन थानों में बंटा है, पुलिस भी हो जाती है भ्रमित

मुस्लेमीन, जागरण, रामपुर। स्वार तहसील का सोनकपुर गांव तीन थानों में बंटा है। चार हजार की आबादी वाले इस गांव का एक हिस्सा स्वार थाने में तो दूसरा टांडा थाने में आता है, जबकि तीसरा हिस्सा अजीमनगर थाने की सीमा में है। इस गांव में जब कोई विवाद होता है तो तीनों थानों की पुलिस दौड़ी चली आती है। कई बार तो सीमा विवाद में उलझ जाती है। इस गांव को एक थाने में कराने के लिए ग्रामीणों ने कई बार मांग उठाई। अधिकारियों ने शासन को भी लिखा,लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है।

रामपुर स्वार रोड पर कोसी नदी किनारे बसा सोनकपुर गांव पहले टांडा थाने के क्षेत्र में ही आता था, लेकिन कोसी नदी में बाढ़ के कारण गांव अपने स्थान से हटता चला गया। अनेक लोगों ने सुरक्षित स्थान पर घर बना लिए। सोनकपुर के पड़ोस में ही रसूलपुर फरीदपुर गांव है। इसका रकबा सोनकपुर के रकबे से मिलता है।

सोनकपुर गांव तीन थानों की सीमा में बंटा

कुछ लोगों ने फरीदपुर के रकबे में घर बना लिए,जबकि कुछ ने मजरा चांद के रकबे में घर बना लिए। इसमें रसूलपुर फरीदपुर स्वार थाने की सीमा में आता है, जबकि मझरा चांद का रकबा अजीम नगर थाने की सीमा में है। इस तरह सोनकपुर गांव तीन थानों की सीमा में बंट गया है। रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी सोनकपुर में 10 माह पहले झगड़ा हो गया था।

पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने में होती है समस्या

नासिर पक्ष ने रिसालत पक्ष को लाठी डंडों से मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया था। रिसालत रिपोर्ट दर्ज करने के लिए टांडा थाने गया, लेकिन पुलिस ने उसे यह कहकर टरका दिया कि मामला स्वार थाने का है। इसके बाद वह स्वार थाने पहुंचा तो स्वार पुलिस ने गांव पहुंचकर बताया कि यह घटना स्थल टांडा थाने का है। वह फिर टांडा थाने पहुंचा, लेकिन पुलिस ने तहरीर लेकर रख ली। इसपर उसने एसपी से शिकायत की, तब जाकर दो सप्ताह बाद टांडा थाने में उसकी रिपोर्ट दर्ज हो सकी थी।

ग्राम पंचायत ने पास किया प्रस्ताव गांव के प्रधान राम भरोसे कहते हैं कि गांव की आबादी 4300 है। इसमें अधिकतर आबादी टांडा थाने की सीमा में है। गांव से टांडा की दूरी 20 किलोमीटर से भी ज्यादा है, जबकि अजीमनगर थाने की दूरी 12 किलोमीटर और स्वार थाने की दूरी मात्र छह किलोमीटर है। गांव की तहसील भी स्वार है। इसलिए गांव के लोग चाहते हैं कि पूरा गांव स्वार थाने के क्षेत्र में शामिल किया जाए।

पुलिस के सामने भी सीमा विवाद

ऐसा करने के लिए हमने 25 साल पहले ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पास कराया था, जिसे जिला मुख्यालय को भेज दिया गया। बाद में जिला मुख्यालय से लखनऊ को भेज दिया गया, लेकिन लखनऊ में जाकर यह प्रस्ताव लटक गया। गांव तीन थानों में बंटा होने के कारण कई बार पुलिस के सामने सीमा विवाद खड़ा हो जाता है। गांव जब कभी चोरी होती है तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने में आना-कानी करती है।

स्वार पुलिस कहती है कि टांडा थाने में दर्ज होनी चाहिए और टांडा पुलिस कहती है स्वार या अजीमनगर थाने में दर्ज होनी चाहिए। गांव के ही पूर्व प्रधान नौशाद अली कहते हैं कि टांडा थाने के चक्कर लगाने में बड़ी परेशानी होती है, जबकि पास में ही स्वार थाना है। गांव को स्वार थाने से ही जोड़ा जाना चाहिए।

एसपी विद्यासागर मिश्रा ने लिया संज्ञान

समस्या का समाधान कराएंगे पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्रा कहते हैं कि हमारे संज्ञान में यह मामला अभी आया है। इस समस्या का समाधान कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ग्राम पंचायत ने जो प्रस्ताव पास किया था उसपर अमल कराने के लिए उच्च अधिकारियों से भी बात करेंगे। अपनी ओर से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेंगे।