Shahjahanpur News: दो हत्याओं के 8 दोषियों को आजीवन कारावास, सुनवाई के दौरान चार की हो चुकी मृत्यु
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के कोला गांव में मार्च 2020 को हुए हत्याकांड के मामले में बुधवार को अपर जिला जज और विशेष न्यायाधीश ने 8 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। दोषियों में सगे भाई भी शामिल हैं साथ ही मामले की सुनवाई के दौरान चार लोगों की मौत भी हो चुकी है।
जागरण संवाददादाता, शाहजहांपुर। पहले आखत डालने पर अनुसूचित जाति के दो ग्रामीणों के आठ हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। बुधवार को अपर जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) गरिमा सिंह ने दोषी गोविंद उर्फ भल्लू, विजय उर्फ पप्पू, ओमकार, देवेंद्र, रविंद्र और गंगासरन उर्फ भन्तू, दिनेश, कृष्णचंद्र पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना भी डाला। इनमें गोविंद, विजय और ओमकार, देवेंद्र, रविंद्र सगे भाई हैं।
सुनवाई के दौरान छदम्मी, रामकिशोर, राजबहादुर और कन्हैया की मृत्यु हो चुकी। हत्याकांड 20 मार्च 2020 को कोला गांव में हुआ था। मुकदमा लिखाने वाले रामसरन ने पुलिस को बताया था कि होली पर मुहल्ले के लोगों के साथ आखत डालकर लौट रहे थे। उसी दौरान गांव में प्रभाव रखने वाले गोविंद व उसके भाई विजय, कन्हैया व उसके बेटे ओमकार, रविंद्र, देवेंद्र, पड़ोसी गंगासरन, दिनेश, रामकिशोर, कृष्णचंद्र, छदम्मी व राजबहादुर ने घेर लिया।
सभी ने अभद्रता करते हुए कहा कि उन्हें बताए बिना आखत कैसे डाल दिए। इस पर आपत्ति जताने पर हमला कर दिया। राइफल, बंदूक व तमंचों से फायरिंग की। पुलिस के अनुसार, रामसरन के पिता मुंशी व रिश्तेदार राजेश की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। फायरिंग में उनके बहनोई बाबूराम, बहन सावित्री व मल्लो घायल हुईं थीं।
त्योहार पर दिनदहाड़े गोलियां चलने पर भीड़ एकत्र होने लगी। यह देखकर हमलावर वहां से भागे। रास्ते में देवेंद्र ने एक ग्रामीण के घर में आग भी लगा दी थी। सभी के विरुद्ध हत्या, जानलेवा हमला, बलवा, एससी-एसटी एक्ट आदि धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अतुल अग्निहोत्री के अभियुक्तों को कड़ी सजा दिए जाने के लिए तर्क व साक्ष्य प्रस्तुत किए।