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राजपाल यादव के कर्ज ने पिता का मकान बिकवाया! मुंबई से आई टीम ने लगाई सील, अभिनेता काट चुके हैं जेल

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अभिनेता राजपाल यादव के पिता की संपत्ति को बैंक ने जब्त कर सील कर दिया है। मुंबई से आई सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कार्रवाई की है। बैंक के स्थानीय अधिकारियों ने इस संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया है। बताया गया कि ऋण न चुकाने पर कर्ज की राशि बढ़कर 11 करोड़ रुपये हो चुकी थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 12 Aug 2024 11:49 PM (IST)
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अभिनेता राजपाल यादव के पिता की संपत्ति बैंक ने की सील।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। बैंक से लिया गया ऋण नहीं चुकाने पर मुंबई से आई सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की टीम ने अभिनेता राजपाल यादव के पिता की जमीन को सील कर दिया। प्रशासन व बैंक के स्थानीय अधिकारियों ने इस कार्रवाई के संबंध में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। 

बंडा के कुंडरा गांव निवासी राजपाल यादव की शहर के सिविल लाइंस में संपत्ति है। जो उनके पिता नौरंग सिंह यादव के नाम पर है। राजपाल ने मुंबई में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से तीन करोड़ रुपये ऋण लेने के दौरान इस संपत्ति के कागज बतौर बंधक लगाए थे। 

ऋण न चुकाने पर धनराशि बढ़कर 11 करोड़ रुपये हो गई, जिस पर सोमवार दोपहर मुंबई से आई बैंक की टीम ने यहां बने एक बने भवन के गेट पर ताला लगाकर सील कर दिया। एडीएम वित्त एवं राजस्व डॉ. सुरेश कुमार व एडीएम प्रशासन संजय पांडेय ने इस संबंध में जानकारी होने से इनकार किया है। 

टीम ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

सदर बाजार प्रभारी निरीक्षक रविंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास दो लोग आए थे। उन्होंने स्वयं को सेंट्रल बैंक की मुंबई की बांद्रा स्थित शाखा से बताते हुए कहा था कि एक संपत्ति को सील करना है, जिसके लिए सुरक्षा की जरूरत पड़ सकती है। 

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि उन्होंने इसके लिए शुल्क जमा करने को कहा था, लेकिन उसके बाद किसी ने संपर्क नहीं किया। कार्रवाई के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। इस संबंध में राजपाल यादव से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके सहयोगी ने बैठक में होने की बात कहकर फोन काट दिया। 

बना हुआ है पुराना भवन

सिविल लाइंस में कचहरी ओवरब्रिज के पास स्थित इस भूमि पर पुराना भवन बना हुआ है। इसके बाहरी हिस्से को मार्बल व्यापारी को किराये पर दिया गया है। भवन में ही बने कमरे पर लगे दरवाजे को सील किया गया है।

कम नहीं हो रहीं मुश्किलें

राजपाल यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन्होंने फिल्म अता पता लापता बनाने के लिए 2010 में मुरली प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक माधो गोपाल अग्रवाल से उन्होंने पांच करोड़ रुपये लिए थे।

रुपये वापस न करने पर रकम बढ़कर दस करोड़ हो गई थी। इस प्रकरण में चेक बाउंस होने पर उन्हें जेल जाना पड़ा था। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मई में सुनवाई करते हुए राजपाल यादव को 14 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया था।

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