Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

औषधीय गुणों से भरपूर यूपी का ये देसी गुड़, बनाने में इस्तेमाल होता है खास जंगली फल- विदेशों में जबरदस्त डिमांड

महोली इलाके में गुड़ कारोबार को पिछले कुछ वर्षों से विदेशों में भी पहचान मिलने लगी है। गुड़ की आपूर्ति के लिए कई देशों से ऑर्डर मिल रहे हैं। इस बार 200 मीट्रिक टन (एमटी) गुड़ बनाने का ऑर्डर महोली के व्यापारियों को बंगाल और असम के निर्यातकों ने दिया है। निर्यातक गुड़ बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में भेजेंगे। पिछले वर्ष बांग्लादेश के साथ ही नेपाल गुड़ भेजा गया था।

By Badri vishal awasthiEdited By: Shivam YadavUpdated: Mon, 16 Oct 2023 04:09 PM (IST)
Hero Image
विदेशों में महकेगा महोली का गुड़, 200 मीट्रिक टन का मिला आर्डर।

राघवेंद्र वाजपेयी, सीतापुर। desi jaggery of UP - महोली इलाके में संचालित गुड़ कारोबार को पिछले कुछ वर्षों से विदेशों में भी पहचान मिलने लगी है। गुड़ की आपूर्ति के लिए कई देशों से ऑर्डर मिल रहे हैं। इस बार 200 मीट्रिक टन (एमटी) गुड़ बनाने का ऑर्डर महोली के व्यापारियों को बंगाल और असम के निर्यातकों ने दिया है। निर्यातक गुड़ बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में भेजेंगे। पिछले वर्ष बांग्लादेश के साथ ही नेपाल गुड़ भेजा गया था।

प्राकृतिक तरीके से बनता है गुड़ और राब

महोली इलाके में गुड़ (Desi Gud) और राब का निर्माण प्राकृतिक तरीके से किया जाता है। रस की सफाई के लिए केमिकल के बजाय वन भिंडी (Jangali Bhindi) का प्रयोग किया जाता है। इससे गुड़ और राब के स्वाद में भी अंतर आ जाता है। इसके अतिरिक्त औषधीय गुण भी बढ़ जाते हैं। आयुर्वेदाचार्य रमेश मंगल वाजपेयी ने बताया कि वन भिंडी का अर्क बीपी और अस्थमा में रामबाण की तरह काम करता है।

गुड़ के कारोबार का समृद्ध इतिहास

महोली में गुड़ के कारोबार का समृद्ध इतिहास है। कई पीढ़ियों से कारोबार हो रहा है। वर्तमान में यहां के गुड़ की सप्लाई विदेशों तक में होने लगी है। इस बार बांग्लादेश भेजने के लिए पश्चिम बंगाल और असम निर्यातकों ने अन्नपूर्णा ग्रेन मर्चेंट को 40, महालक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी को 36 एमटी, बेल संचालक अवधेश को 20, छत्रपाल को 16, गुड्डू को 19, माखन को 35, सरोज को 15, अमित को 19 और अंकित को 14 एमटी का आर्डर मिला है। अंकित ने बताया कि बांग्लादेश को ज्यादातर राब की सप्लाई की जानी है। गुड़ कम मात्रा में जाता है।

फैक्ट फाइल

  • महोली में 25 हजार हेक्टेयर गन्ने का रकबा
  • 200 गुड़बेलों का हो रहा संचालन

महोली इलाके में गुड़ और राब का कारोबार पुराने समय से चला आ रहा है। उद्योग विभाग कारोबार को संगठित करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए विशेष प्लान पर काम किया जा रहा है।

-आशीष गुप्त, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र।

300 करोड़ से ऊपर का कारोबार, सात हजार को रोजगार

महोली इलाके में दो सौ से अधिक गुड़ बेल संचालित होती हैं, जोकि प्रतिवर्ष तीन सौ करोड़ से ऊपर का कारोबार करती हैं। गुड़ बेल पर इलाके के करीब सात हजार लोगों को रोजगार मिलता है। महोली गुड़ बेल कारोबार पर चीनी मिलों का असर नहीं पड़ा। जिले में पांच चीनी मिल संचालित होने के बाद भी गुड़ का कारोबार बढ़ता जा रहा है।

यह भी पढ़ें: कार पर लिखवाया उत्तर प्रदेश सरकार, ड्राइवर को पहनाता था PRD की वर्दी- नेताओं को ठगने वाला ‘प्रोटोकॉल अधिकारी’ गिरफ्तार

यह भी पढ़ें: UP News : डॉक्टर ने पेशाब नली में डाला मोटा पाइप, मरीज को दर्द होने लगा तो अस्पताल से भगाया, जवाब मांगने पर…

Tags- UP NewsSitapur News, Uttar Pradesh, देसी गुड़ के फायदे