Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

बेलन, बालू, हरसिंगार, करेंगे साइटिका पर प्रहार

कृष्ण बहादुर रावत, वाराणसी गलत जीवनशैली और जरूरत से ज्यादा वजन के कारण इन दिनों साइटिका

By JagranEdited By: Updated: Sat, 16 Dec 2017 09:21 PM (IST)
Hero Image
बेलन, बालू, हरसिंगार, करेंगे साइटिका पर प्रहार

कृष्ण बहादुर रावत, वाराणसी

गलत जीवनशैली और जरूरत से ज्यादा वजन के कारण इन दिनों साइटिका पीड़ित पुरुषों-महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इलाज के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। साइटिका से निजात के लिए लोग आर्थो स्पेशलिस्ट से लेकर विभिन्न चिकित्सा विधियों का भी सहारा ले रहे हैं। जबकि इसका उपचार आयुर्वेद में उपलब्ध है। बीएचयू के वेलनेस सेंटर के वैद्यों की मानें तो बेलन, बालू व हरसिंगार इस रोग के उपचार में कारगर हैं। बीएचयू वेलनेस सेंटर के वैद्य नरेंद्र शंकर त्रिपाठी और वैद्य सुशील कुमार दुबे के अनुसार इन तीनों से उपचार में साइटिका से राहत मिलती है।

- इलाज न हो तो हिलना मुश्किल

आयुर्वेद में साइटिका को गृध्रसी बोलते हैं। यह वातज और वात कफज दो प्रकार का होता है। इस बीमारी में कमर के पास से दर्द शुरू होता है और कभी-कभी दर्द संग भारीपन भी होता है। समय पर इलाज न होने पर व्यक्ति हिल भी नहीं पाता है।

- समय-समय पर जांचते रहें वजन

वैद्य सुशील कुमार त्रिपाठी का कहना है व्यक्ति को अपना वजन हमेशा लंबाई और आयु के हिसाब से रखना चाहिए। समय- समय पर वजन लेते रहना चाहिए। लोग व्यायाम करते हैं, लेकिन यह नहीं मालूम होता कि किस मौसम में कौन व्यायाम करें।

- भूल गए शरीर की मालिश करना

इसके अलावा लोग चलने और बैठने में लापरवाही भी बरतते हैं। एक तरह से कहें तो जीवनशैली तो फास्ट है, लेकिन तरीका सही नहीं। जिससे साइटिका का असर ऐसे लोगों पर अधिक होता है। पहले मालिश पर भी ध्यान देते थे, जो अब भूल गए हैं।

-----------

ऐसे करें उपचार

बालू से करें सेंकाई

साइटिका पीड़ित सबसे पहले योग्य वैद्य से सलाह लेकर एक किलो बालू में 250 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर दो पोटली बनाएं और दर्द वाली जगह पर सुखपूर्वक सेंकाई करें। यह जादू की तरह कार्य करता है।

----------

हरसिंगार का प्रयोग

- हरसिंगार (परिजात) की पत्ती का रस निकाल कर उसमें सेंधा नमक, काली मिर्च और निरगुंडी (मेवडी)तथा सहजन की पत्ती को मिलाकर खाली पेट सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है।

-----------

बेलन का ऐसे उपयोग

- पेट के बल लेटकर घुटने के अंदर बेलन रखें। 15 मिनट तक धीरे-धीरे दबाव देने से भी बहुत जल्दी आराम मिलता है।

------------

इलाज से पूर्व नाड़ी व प्रकृति परीक्षा

यह उपचार शुरू करने से पूर्व वैद्य से नाड़ी-प्रकृति परीक्षा अवश्य कराएं। इससे पता पता चल सकेगा कि साइटिका की प्रकृति कैसी है। यह कब तक ठीक होगा।