महादेव के शहर में रौब दिखाने के लिए असलहा-स्काॅर्पियो लेकर घूमते थे आजमगढ़ के बदमाश, पुलिस ने पकड़कर भेजा जेल
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हैरान करने वाला है। यहां आजमगढ़ के बदमाशों को वाराणसी में प्रतिबंधित हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने खुलासा किया कि वे जनता पर रौब गांठने के लिए इन हथियारों का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने बदमाशों से एक विदेशी ग्लाक पिस्टल एक देशी पिस्टल एक देशी तमंचा और कई कारतूस बरामद किए हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जनता पर रौब गांठने के लिए आजमगढ़ के बदमाश प्रतिबंधित असलहा, तमंचा, कारतूस लिए स्कार्पियो से घूमते थे। पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने यही सच्चाई बताई है। पुलिस गिरफ्तार बदमाशों से प्रतिबंधित ग्लाक पिस्टल के बारे में भी पूछताछ की, फिर सभी का चालान कर दिया। बदमाश साेमवार को सेंट्रल जेल में निरुद्ध कुख्यात प्रदीप सिंह कबूतरा से मिलने पहुंचे थे, जहां से लौटने के दौरान एसओजी और कैंट थाना की पुलिस ने दबोचा था।
ये बदमाश पकड़े गए
अरविंद सिंह, निवासी खरिहानी थाना तरवां, आजमगढ़, अवनीश यादव निवासी जयनुद्दीनपुर थाना गम्भीरपुर आजमगढ़, ज्ञानदीप यादव निवासी खरिहानी थाना तरवां आजमगढ़।
ये हुई बरामदगी
एक विदेशी ग्लाक पिस्टल नाइन एमएम मैगजीन के साथ, एक देशी पिस्टल 32 बोर मैगजीन के साथ, एक देशी तमंचा 315 बोर, आठ कारतूस नाइन एमएम बोर, सात कारतूस 32 बोर व एक कारतूस 315 बोर, तीन मोबाइल एवं दो पर्स, एक स्कार्पियो बरामद हुआ।
इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में सितंबर की गर्मी ने तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड, यूपी में 25 से मौसम बदलने के आसार
पुलिस टीम में कैंट थाना के दारोगा गौरव कुमार मिश्र, मोहम्मद सुहैल, अभिषेक, मुख्य आरक्षी बृज बिहारी ओझा, कांस्टेबल जितेंद्र यादव, रामगोपाल सिंह, मनमोहन कुमार, प्रमोद चौहान, सचिन मिश्रा और एसओजी के दारोगा गौरव कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल प्रमाेद सिंह, कांस्टेबल मयंक त्रिपाठी रहे।
सेंट्रल जेल में और सख्त हुई मुलाकात : जेल अधीक्षक
केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्र ने कहा कि बंदियों से मुलाकात की व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। मंगलवार को बैरकों में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। कहा कि अब बंदियों की सहमति पर ही कोई व्यक्ति उससे मुलाकात कर सकेगा।
इसे भी पढ़ें-रिपोर्ट लिखाते-लिखाते बुजुर्ग को आया हार्ट अटैक, GRP जवान ने CPR देकर बचाई जान
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पहले से पांच स्तर पर जांच के बाद ही मुलाकाती बंदियों तक पहुंच पाते हैं। बंदी रक्षकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।