Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट देने की मांग पर नहीं आया आदेश, तीन जनवरी की डेट तय
सोमवार को एएसआइ ने ज्ञानवापी परिसर में चार अगस्त से दो नवंबर तक किए गए सर्वे की रिपोर्ट अदालत में दाखिल किया। इसके साथ ही वादी महिलाएं सीता साहू रेखा पाठक मंजू व्यास के वकील सुधीर त्रिपाठी सुभाष नंदन चतुर्वेदी दीपक सिंह की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट उनके वकील को ई-मेल के जरिए देने की मांग की।
विधि संवाददाता, वाराणसी। वकीलों के न्यायिक कार्य बहिष्कार के चलते ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे रिपोर्ट वादी महिलाओं व उनके वकील को देने की मांग के प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को आदेश नहीं आ सका। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने आदेश के लिए तीन जनवरी की तिथि तय की है। वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद (मस्जिद पक्ष) ने भी एएसआइ सर्वे रिपोर्ट इ मेल के जरिए देने की मांग की है।
बीते सोमवार को एएसआइ ने ज्ञानवापी परिसर में चार अगस्त से दो नवंबर तक किए गए सर्वे की रिपोर्ट अदालत में दाखिल किया। इसके साथ ही वादी महिलाएं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास के वकील सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट उनके वकील को ई-मेल के जरिए देने की मांग की। वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की मांग की गई थी।
मस्जिद पक्ष की ओर से एक और प्रार्थना पत्र दिया गया कि जिसमें कहा गया है कि एएसआइ सर्वे रिपोर्ट किसी को भी देने पर उन्हें आपत्ति है लेकिन अदालत इस निर्णय पर पहुंचती है तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के वकील एखलाक अहमद के ई मेल भी उपलब्ध कराई जाए। वहीं वादी राखी सिंह ने वकील मान बहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर मस्जिद पक्ष के एएसआइ सर्वे रिपोर्ट किसी को नहीं देने की मांग के प्रार्थना पत्र को निरस्त करने की मांग की है।
वहीं, ज्ञानवापी मामले में भगवान अविमुक्तेश्वर विराजमान की ओर से विश्व हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता व अजीत सिंह द्वारा दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर जज (फास्ट ट्रैक) की अदालत में नहीं हो सकी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए पांच जनवरी की तिथि तय की है।
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