Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट देने की मांग पर आज आएगा आदेश, प्रार्थना पत्र बनेगा आधार
Gyanvapi Case अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की मांग की गई है। दोनों प्रार्थना पत्रों के निस्तारण के लिए जिला जज ने 21 दिसंबर की तिथि तय की है। ज्ञानवापी परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे की रिपोर्ट की काफी व फोटोग्राफ वादी महिलाओं व उनके वकीलों को देने की मांग की गई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे रिपोर्ट वादी महिलाओं व उनके वकील को देने की मांग के प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को आदेश आ सकता है। वहीं मस्जिद पक्ष की ओर से सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की मांग के प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होगी।
बीते सोमवार को एएसआइ ने ज्ञानवापी परिसर में चार अगस्त से दो नवंबर तक किए गए सर्वे की रिपोर्ट अदालत में दाखिल किया। इसके साथ ही वादी महिलाएं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट उनके वकील को ई मेल के जरिए देने की मांग की।
21 दिसंबर तारीख की गई थी तय
वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से प्रार्थना पत्र देकर सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की मांग की गई है। दोनों प्रार्थना पत्रों के निस्तारण के लिए जिला जज ने 21 दिसंबर की तिथि तय की है।
राजमाता अहिल्या बाई सेवा संस्थान की बैठक बुधवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे के पैरोकार सोहन लाल आर्य की अध्यक्षता में हुई। इसमें ज्ञानवापी परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सर्वे की रिपोर्ट की काफी व फोटोग्राफ वादी महिलाओं व उनके वकीलों को देने की मांग की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ज्ञानवापी हो या मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर सभी जगहों पर साक्ष्य मौजूद हैं।
याचिका का शीघ्र निस्तारण हो
सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना किया कि ज्ञानवापी के वजुखाना में मिले शिवलिंग के भी वैज्ञानिक सर्वे की याचिका का शीघ्र निस्तारण हो। बैठक में श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादी महिलाएं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास, उनके वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह आदि रहे।
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