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Manaskhand Mandir: मानसखंड के मंदिरों के साथ संवरेंगे आसपास के स्थल, 30 करोड़ के कार्यों का हो चुका शिलान्यास

देवभूमि में केदारखंड (गढ़वाल) के केदारनाथ बदरीनाथ धामों की भांति अब मानसखंड यानी कुमाऊं के मंदिरों को भी नए कलेवर में निखारने की दिशा में सरकार तेजी से कदम उठा रही है। इस क्रम में शुरू किए गए मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल कुमाऊं के सभी छह जिलों के प्रमुख 16 मंदिरों के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किए जा चुके हैं।

By kedar duttEdited By: Shivam YadavUpdated: Wed, 18 Oct 2023 01:31 AM (IST)
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मानसखंड के मंदिरों के साथ आसपास के स्थल भी संवरेंगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। देवभूमि में केदारखंड (गढ़वाल) के केदारनाथ, बदरीनाथ धामों की भांति अब मानसखंड यानी कुमाऊं के मंदिरों को भी नए कलेवर में निखारने की दिशा में सरकार तेजी से कदम उठा रही है। इस क्रम में शुरू किए गए मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल कुमाऊं के सभी छह जिलों के प्रमुख 16 मंदिरों के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किए जा चुके हैं। 

इनमें से तीन प्रमुख मंदिरों जागेश्वर धाम, मां हाटकालिका और नैना देवी के लिए प्रथम चरण में 30 करोड़ रुपये की लागत के कार्यों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों शिलान्यास हो चुका है। मिशन में शामिल मंदिरों को निखारने के साथ ही इनके आसपास के स्थलों को भी संवारा जाएगा। इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

यात्री सुविधाओं के विकास का खाका खींचा

चारधाम यात्रा की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों को भी तीर्थाटन व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के उद्देश्य से मानसखंड मंदिर माला मिशन शुरू किया गया है। यूटीडीबी (उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड) ने प्रथम चरण में इसमें 16 प्रमुख मंदिरों को शामिल करते हुए केदारनाथ व बदरीनाथ की तरह इन्हें भी सुव्यवस्थित करने के साथ ही वहां यात्री सुविधाओं के विकास का खाका खींचा। 

विकास की कार्ययोजना को अंतिम रूप 

मिशन का कार्य देख रहे यूटीबीडी के वरिष्ठ शोध अधिकारी सुरेंद्र सिंह सामंत के अनुसार मिशन में शामिल मंदिरों के लिए नियुक्त कंसल्टेंट स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही विभिन्न कार्यों के दृष्टिगत संबंधित जिलों के डीएम, सीडीओ के साथ ही मंदिर समितियों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके हैं। इनकी सलाह पर ही मंदिरों के विकास की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

मार्गों का सुदृढ़ीकरण जैसे कार्य प्रारंभ

सामंत ने बताया कि जागेश्वर धाम, मां हाटकालिका व नैना देवी मंदिरों के लिए केदारनाथ, बदरीनाथ की तरह कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रथम चरण में नैना देवी मंदिर के लिए 12 करोड़, जागेश्वर में 10 करोड़ और मां हाटकालिका मंदिर के लिए आठ करोड़ के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत तीनों मंदिरों का खुला-खुला आंगन, सुंदरीकरण, आस्था पथ, पहुंच मार्गों का सुदृढ़ीकरण जैसे कार्य प्रारंभ किए जा रहे हैं।

आसपास विकसित होंगी पर्यटन सुविधाएं

मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल मंदिरों से लगे आसपास के जितने क्षेत्र हैं, उन्हें भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर जोर दिया गया है। इस क्रम में संबंधित कंसल्टेंट इन स्थलों के पर्यटन विकास की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इससे नए स्थलों की तरफ भी पर्यटकों का रुख होगा।

मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल मंदिर

  • अल्मोड़ा:- जागेश्वर धाम, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर कटारमल, कसार देवी मंदिर, नंदा देवी मंदिर
  • पिथौरागढ़:- पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका मंदिर
  • बागेश्वर:- बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर
  • चंपावत:- पाताल रुद्रेश्वर गुफा, पूर्णागिरि मंदिर, देवीधुरा बाराही देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर
  • नैनीताल:- नैना देवी मंदिर, कैंची धाम
  • उधम सिंह नगर :- चैती बालसुंदरी मंदिर

मानसखंड मंदिर माला मिशन को लेकर सरकार पूरी गंभीरता से आगे बढ़ रही है। मिशन में शामिल मंदिरों को विकसित करने के साथ ही इनके आसपास के क्षेत्र भी संवारे जाएंगे। इससे मानसखंड के मंदिरों में पहुंचने वाले यात्री और पर्यटक आसपास के क्षेत्रों की सैर भी कर सकेंगे।

-सतपाल महाराज, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री।

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