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एरीज के विज्ञानियों ने की ब्लैकहोल के जेट प्लाज्मा की संरचना की खोज, अन्य रहस्यों को सुलझाना होगा आसान

Black Hole Jet Plasma आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के विज्ञानी व शोध छात्र ने ब्लैकहोल से निकलने वाले जेट प्लाज्मा की संरचना का पहली बार पता लगाया है। वर्षों की शोध के बावजूद यह ज्ञात नहीं था कि खगोलीय जेट किस तरह के पदार्थ से बने होते हैं। यह खोज ब्लैकहोल व न्यूट्रान तारों के मध्य चलने वाली भौतिक प्रक्रिया की बारीकी को समझने में मदद करेगी।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 12 Jul 2024 03:29 PM (IST)
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Black Hole Jet Plasma: विज्ञानी इंद्रनील चट्टोपाध्याय व शोध छात्र राज किशोर जोशी रहे खोज में शामिल
जागरण संवाददाता, नैनीताल। Black Hole Jet Plasma: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के विज्ञानी व शोध छात्र ने ब्लैकहोल से निकलने वाले जेट प्लाज्मा की संरचना का पहली बार पता लगाया है। यह खोज एरीज के विज्ञानी डा. इंद्रनील चट्टोपाध्याय व शोध छात्र राज किशोर जोशी की ओर से की गई है। अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रिका एस्ट्रोफिजिकल जर्नल (एपीजे) में यह खोज प्रकाशित हुई है।

एरीज के आउटरीच प्रभारी डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि जेट ब्लैकहोल, न्यूट्रान तारों और पल्सार जैसे सघन खगोलीय पिंडों से विस्तारित किरणों के रूप में उत्सर्जित होते हैं। वर्षों की शोध के बावजूद यह ज्ञात नहीं था कि खगोलीय जेट किस तरह के पदार्थ से बने होते हैं। यह जानकारी भी नहीं थी कि क्या ये इलेक्ट्रान व प्रोटान से बने होते हैं। जिस कारण इसके रहस्यों की खोज विज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण थी।

दरअसल सैद्धांतिक रूप से जेट की उष्मा गति की मात्रा, द्रव्यमान घनत्व, ऊर्जा घनत्व और दबाव के बीच संबंध का पता नहीं था। डा. चट्टोपाध्याय ने शोध में सर्वप्रथम विकसित किए गए एक संख्यात्मक सिमुलेशन में सुधार किया।

इसके बाद इलेक्ट्रॉन, पाज़िट्रान (धनात्मक रूप से आवेशित इलेक्ट्रान) व प्रोटान के मिश्रण से बने एस्ट्रोफिजिकल जेट की गतिशीलता का अध्ययन किया। तब जेट प्लाज्मा की संरचना की जानकारी सामने आई। डा. इंद्रनील चट्टोपाध्याय व राज किशोर जोशी के अनुसार यह खोज ब्लैकहोल व न्यूट्रान तारों के मध्य चलने वाली भौतिक प्रक्रिया की बारीकी को समझने में मदद करेगी।

एरीज के विज्ञानी व शोध छात्र की यह बड़ी उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस खोज से जेट के बारे में जानकारी मिलने के बाद आगे ब्लैकहोल व उनसे निकलने वाले जेट के अन्य रहस्य को सुलझाना आसान होगा।

- प्रो.दीपांकर बनर्जी, निदेशक एरीज

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