Board Exams: हैलो डॉक्टर! जो भी याद करती हूं, भूल जाती हूं... मनोविज्ञानी ने दिए कई सवालों के जवाब, मोबाइल की लत से अभिभावक परेशान
मनोविज्ञानी डा. रश्मि पंत कहती हैं कि अगर बढ़ते स्ट्रेस के कारणों पर थोड़ा ध्यान दिया जाए तो आसानी से इसके नुकसान से बचा जा सकता है। इसके लिए न केवल परीक्षार्थियों को बल्कि अभिभावकों को भी जागरूक रहने की जरूरत है। डॉक्टर ने प्रश्न पूछने वाले परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों को तनाव प्रबंधन के साथ ही इमोशनल मजबूती को लेकर परामर्श दिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानीय। बोर्ड परीक्षा का समय निकट आ चुका है। इसे लेकर परीक्षार्थियों के साथ ही अभिभावक भी स्ट्रेस (तनाव) में हैं। एक हद तक यह ठीक है, लेकिन जब इससे दिनचर्या प्रभावित होने लगे। पढ़ाई में बिल्कुल भी मन न लगे, तब यह स्थिति खतरनाक होने लगती है।
मनोविज्ञानी डा. रश्मि पंत कहती हैं कि अगर बढ़ते स्ट्रेस के कारणों पर थोड़ा ध्यान दिया जाए तो आसानी से इसके नुकसान से बचा जा सकता है। इसके लिए न केवल परीक्षार्थियों को, बल्कि अभिभावकों को भी जागरूक रहने की जरूरत है।
डा. रश्मि पंत राजकीय महिला महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष हैं। उन्होंने रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में कुमाऊं भर से प्रश्न पूछने वाले परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों को तनाव प्रबंधन के साथ ही इमोशनल मजबूती को लेकर परामर्श दिया।
प्रश्न : मेरी बेटी 12वीं में पढ़ रही है। मोबाइल ही देखती रहती है। बोर्ड परीक्षा को लेकर वह बहुत अधिक बेचैन है। ऐसे में क्या करना चाहिए? - बिंदुखत्ता से रश्मि सिंह
उत्तर : सबसे पहले मोबाइल को उससे दूर करिए। उसका इंस्टाग्राम या फिर अन्य इंटरनेट साइट ब्लाक करवा दें। उससे बात करें। उसे बार-बार डांटने-फटकारने के बजाय इमोशनल सपोर्ट दें। जितना पढ़ा है, उसे दोहराने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए समय निर्धारित करवा दें। अगर परेशानी ज्यादा ही होने लगी है तो काउंसलिंग भी करा सकती हैं।
प्रश्न : मेरा बेटा 10वीं का छात्र है। बोर्ड परीक्षा आते ही उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है। ऐसे में पढ़ाई भी प्रभावित हो गई है। क्या करना चाहिए? - रामनगर से हरीश
उत्तर : अगर वह किसी भी सोशल साइट्स से जुड़ी है तो उसे बंद करवा दें। पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहें। कुछ हद तक स्ट्रेस ठीक है, लेकिन ज्यादा परेशानी होने लगी है तो काउंसलिंग कराएं। सबसे जरूरी यह है कि उसके साथ प्रेम से बर्ताव करें।
प्रश्न : जो भी याद करती हूं, भूल जाती हूं। मेरे पास मोबाइल भी नहीं है। 98 प्रतिशत नंबर कैसे आएंगे, यही धुन सवार रहती है। कहीं यह कोई समस्या तो नहीं? - खटीमा से रोशनी
उत्तर : सबसे अच्छा यह है कि आप मोबाइल का प्रयोग नहीं करती हैं। ऐसे में आपका ध्यान भी भंग नहीं होता होगा। आप शांत रहें और समय प्रबंधन का ध्यान रखें। पूरी कोशिश करें, लेकिन दिमाग में नंबरों को लेकर न उलझें। यही ठीक है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- - टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें
- - मोबाइल से पूरी तरह दूरी बना लें
- - बेवजह स्ट्रेस का अनुभव न करें
- - नंबरों के चक्कर में न उलझे रहें
- - सुपाच्य भोजन करें
- - नियमित योग व प्रयायाम करें
- - अभिभावक भी इमोशनल सपोट करें
इन्होंने भी लिया परामर्श
काशीपुर से मो. रियाज, हल्द्वानी से भव्या, जीवन, पावनी, अल्मोड़ा से जगमोहन, बाजपुर से जसविंदर, पिथौरागढ़ से देव सिंह आदि ने फोन कर परामर्श लिया।
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