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उत्तराखंड की सड़कों पर आवारा घूम रहे कुत्ते, गाय, घोड़ा; हाई कोर्ट ने सरकार व पशु कल्याण बोर्ड से मांगा जवाब

Nainital High Court याचिका में कहा गया है कि सड़कों पर कुत्ते गाय बैल घोडा बिल्ली आदि जानवर आवारा की तरह घूमते रहते हैं। कई लोग उन पर अत्याचार भी करते हैं। इनके इलाज या आश्रय के लिए राज्य में कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaUpdated: Thu, 24 Nov 2022 08:58 PM (IST)
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याचिकाकर्ता ने जानवरों के लिए शेल्टर की व्यवस्था करने व इनके इलाज की पूरी सुविधा देने की मांग की है।

नैनीताल, जागरण संवाददाता : Nainital High Court: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में सड़कों पर कुत्ते, गाय, बैल, घोड़ा, बिल्ली आदि के लिए आश्रय व्यवस्था व उनका इलाज कराए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित या‌चिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में सरकार, पशु कल्याण बोर्ड (Uttarakhand Animal Welfare Board) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व निदेशक को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

क्या है याचिका में, यहां जानें

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष हल्द्वानी निवासी निरूपमा भट्ट ‌की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस याचिका में कहा गया है कि सड़कों पर कुत्ते, गाय, बैल, घोडा, बिल्ली आदि जानवर आवारा की तरह घूमते रहते हैं। कई लोग उन पर अत्याचार भी करते हैं। कई जानवरों वाहन दुर्घटना में घायल हो जाते हैं तो कुछ करंट से मर जाते हैं। कुछ जानवरों का इलाज सरकारी अस्पताल में किया जाता है लेकिन वहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उनके इलाज के लिए डाक्टर तक नहीं है। इसके लिए कई एनजीओ कार्य कर रही हैं।

तीन वर्ष में जानवरों के उत्पीड़न के 24 हजार मामले

याचिका में कहा गया कि 2012 से 2015 के बीच उपलब्ध डेटा के अनुसार लगभग 24 हजार जानवरों के उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से ऐसे जानवरों के लिए शेल्टर की व्यवस्था करने व इनके इलाज की पूरी सुविधा देने की मांग की गई है।

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