West Bengal Assembly Election 2021: हावड़ा के शहरी क्षेत्रों में बदले सियासी हालात से ग्रामीण सीटों पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
Bengal Chunav 2021 हावड़ा पिछले एक दशक से तृणमूल कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन बीते छह माह से यहां सियासी हालात तेजी से बदले हैं। जिले की सात सीटों पर छह अप्रैल को मतदान होगा। पिछले विस चुनाव में हावड़ा की सभी 16 सीटों पर तृणमूल जीती थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता के जुड़वां शहर के तौर पर परिचित हावड़ा पिछले एक दशक से सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन पिछले छह महीने में यहां सियासी हालात तेजी से बदले हैं। जिले से दो मंत्रियों, कई विधायकों, हावड़ा के पूर्व मेयर समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने तृणमूल से इस्तीफा दे दिया। शुरुआत खेल राज्य मंत्री लक्ष्मीरतन शुक्ला से हुई, जिन्होंने क्रिकेट पर ध्यान देने का हवाला देकर मंत्रिपद छोड़ा। लक्ष्मीरतन शुक्ला हालांकि अब तक किसी और पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। इसके बाद ममता के एक और मंत्री राजीब बनर्जी, विधायक वैशाली डालमिया व हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती ने एक साथ तृणमूल का दामन झटका और भाजपा में शामिल हो गए।
वहीं टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर शिवपुर से विधायक जटु लाहिड़ी भी तृणमूल छोड़कर भाजपा से जुड़ गए। जिले के कई अन्य तृणमूल नेता भी भगवा झंडा थाम चुके हैं। ये सारे मंत्री-विधायक-नेता हावड़ा के शहरी अंचलों से ताल्लुक रखते हैं लेकिन इसका असर जिले के ग्रामीण अंचलों पर भी पड़ सकता है, जिससे वहां की विधानसभा सीटों पर इस बार मुकाबला एकतरफा होने के बजाय दिलचस्प हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की 16 में से 16 सीटों पर तृणमूल ने जीत दर्ज की थी। उससे पहले 2011 के विधानसभा चुनाव में भी ममता की पार्टी ने 16 में से 15 सीटें जीती थीं।
उलबेरिया उत्तर : तृणमूल ने इस सीट पर एक बार फिर मंत्री डॉ निर्मल माझी पर भरोसा जताया है, जिनका मुकाबला भाजपा के चिरन बेरा और माकपा के अशोक दलुई से है। इस सीट पर इस बार कांटे की लड़ाई की उम्मीद की जा रही है। 2016 के चुनाव में यहां तृणमूल प्रत्याशी को 79,390 वोट, कांग्रेस को 65208 जबकि भाजपा को 13457 वोट मिले थे।
उलबेरिया दक्षिण: भाजपा ने यहां बांग्ला फिल्म अभिनेत्री पापिया दे (अधिकारी) को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। तृणमूल सेपुलक राय और संयुक्त मोर्चा (वाममोर्चा-कांग्रेस,आइएसएफ) समर्थित फारवर्ड ब्लॉक से शेख कुतुबुद्दीन अहमद मैदान में हैं। 2016 के चुनाव में यहां तृणमूल प्रत्याशी को 95,902 वोट, फॉरवर्ड ब्लॉक को 60,558 जबकि भाजपा को 14,239 वोट मिले थे।
श्यामपुर : ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के फिल्मी सितारों के प्रति आकर्षण को देखते हुए भाजपा ने यहां भी टॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री चक्रवर्ती को प्रत्याशी बनाया है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे कालीपद मंडल और कांग्रेस ने अमिताभ चक्रवर्ती को उतारा है। 2016 के चुनाव में यहां तृणमूल प्रत्याशी को 1,08,619 वोट, कांग्रेस को 82,033 जबकि भाजपा को 8,075 वोट मिले थे।
जगतवल्लभपुर: तृणमूल ने इस बार यहां प्रत्याशी बदलते हुए सीतानाथ घोष को खड़ा किया है। उनका मुकाबला भाजपा के अनुपम घोष से होगा। वाममोर्चा-कांग्रेस-इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के संयुक्त मोर्चा की ओर से आइएसएफ ने शेख सब्बीर अमहद को उम्मीदवार बनाया है। 2016 में यहां तृणमूल प्रत्याशी को 1,03,348 वोट, माकपा को 78,667 जबकि भाजपा को 20,065 वोट मिले थे।
उदयनारायणपुर : तृणमूल के समीर कुमार पांजा का भाजपा के सुमित रंजन करार और कांग्रेस के आलोक कोले से मुकाबला है। यहां भी दिलचस्प लड़ाई का अनुमान है। 2016 के चुनाव में यहां तृणमूल प्रत्याशी को 94,828 वोट, कांग्रेस को 71,070 जबकि भाजपा को 8,356 वोट मिले थे।
आमता : पिछले एक दशक से यहां कांग्रेस का राज है। असित मित्रा यहां से दो बार के विधायक हैं और हैट्रिक के इरादे के साथ मैदान में हैं। उनकी इस बार तृणमूल के सुकांत कुमार पाल और भाजपा के देबतनु भट्टाचार्य से टक्कर है। 2016 में यहां कांग्रेस प्रत्याशी को 89,149 वोट, तृणमूल को 84,645 जबकि भाजपा को 11,045 वोट मिले थे।
बगनान : यहां तृणमूल के अरुणाभ सेन (राजा) का भाजपा के अनुपम मल्लिक, माकपा के शेख बशीर अहमद से मुकाबला है। अरुणाभ इस सीट से तीन बार निर्वाचित हो चुके हैं। 2016 में यहां तृणमूल प्रत्याशी को 97,834 वोट, माकपा को 67,637 जबकि भाजपा को 10,332 वोट मिले थे।