बंगाल में एक और नौकरी घोटाला! 15 नगर निगमों में पैसों के बदले हुईं 1800 अवैध भर्तियां, CBI ने कसा शिकंजा
सीबीआई को शक है कि अवैध कमाई का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि अब तक की जांच में सामने आया है कि एबीएस इन्फोजोन के जरिए की गई भर्तियों से संबंधित है। चार्जशीट में इस बात का विवरण दिया गया है कि कैसे कई नगर पालिकाओं में अलग-अलग पदों के लिए नकद पैसों के बदले भर्तियां की गईं। इन भर्तियों में मेडिकल ऑफिसर वार्ड मास्टर क्लर्क ड्राइवर शामिल हैं।
आईएएनएस, कोलकाता। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में 2014 से 15 नगर निकायों में की गई 1,814 अवैध भर्तियों में लगभग 200 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की संलिप्तता का पता लगाया है। केंद्रीय एजेंसी को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि प्राइवेट प्रमोटर अयान सिल और उनके सहयोगियों के पास 200 करोड़ रुपये की अवैध आय का लगभग पूरा हिस्सा था।
सीबीआई ने कहा है कि ये सभी 1814 अवैध भर्तियां आउटसोर्स एजेंसी एबीएस इन्फोजोन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए की गई थीं, जो अयान सिल के स्वामित्व वाली एक कॉर्पोरेट इकाई है।
सौमिक और देवेश को भी मिला पैसों का लाभ
अयान सिल के अलावा, उसके दो करीबी सहयोगी सौमिक चौधरी और देवेश चक्रवर्ती को इन पैसों के प्रमुख प्राप्तकर्ताओं के रूप में दिखाया गया है। दोनों का नाम हाल ही में कोलकाता की एक स्पेशल कोर्ट में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र में दर्ज किया गया है।
नकद पैसों के बदले भर्तियां की गईं
सीबीआई को शक है कि अवैध कमाई का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि अब तक की जांच में जो सामने आया है वह एबीएस इन्फोजोन के जरिए की गई भर्तियों से संबंधित है। चार्जशीट में इस बात का विवरण दिया गया है कि कैसे कई नगर पालिकाओं में अलग-अलग पदों के लिए नकद पैसों के बदले भर्तियां की गईं। इन भर्तियों में मेडिकल ऑफिसर, वार्ड मास्टर, क्लर्क, ड्राइवर, हेल्पर और सफाई सहायक शामिल हैं।
न्यायिक हिरासत में है अयान सिल
अब सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह पूरी रकम आयान सिल और उनके सहयोगियों द्वारा खर्च की गई थी, या पैसों को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों तक पहुंचा गया। बता दें कि अयान सिल फिलहाल पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल-नौकरी मामले में न्यायिक हिरासत में है।
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