BJP ने जादवपुर विश्वविद्यालय को देश विरोधी तत्वों का केंद्र बताया, छात्र की मौत पर विधायकों का सदन से वाकआउट
BJP on Jadavpur University विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन भाजपा ने जादवपुर घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरा है। शिक्षा मंत्री के बयान पर विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की। भाजपा विधायक दल ने जादवपुर की घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से जवाब मांगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के चलते प्रथम वर्ष के एक छात्र की हाल में हुई मौत पर विपक्षी भाजपा के विधायकों ने मंगलवार को बंगाल विधानसभा से वाकआउट किया और कहा कि विश्वविद्यालय परिसर राष्ट्र-विरोधी तत्वों का केंद्र बन गया है। केवल एनआइए जांच ही सच्चाई सामने ला सकती है।
भाजपा ने ममता सरकार को घेरा
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक दल ने जादवपुर की घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से जवाब मांगा। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पूछा कि राज्य सरकार ने जेयू में स्थिति को नियंत्रित करने और वहां राष्ट्र-विरोधी तत्वों व माओवादियों सहित वामपंथी चरमपंथी समूहों की कथित गतिविधियों व इसके गठजोड़ को तोड़ने के लिए क्या कार्रवाई की है?
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री बसु ने जादवपुर विश्वविद्यालय की स्थिति के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस को दोषी ठहराया। जिसके बाद भाजपा विधायकों ने टीएमसी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में विपक्षी विधायक शिक्षा मंत्री की इस टिप्पणी के खिलाफ विरोध जताते हुए सदन से बाहर चले गये।
शिक्षा मंत्री ने कहा,
जेयू की स्थिति के लिए राज्यपाल पूरी तरह जिम्मेदार हैं। ऐसा नहीं है कि रैगिंग जैसा खतरा सिर्फ जेयू में ही हो रहा है। ऐसी घटनाएं आइआइटी खड़गपुर जैसे केंद्रीय संस्थानों में भी हुई हैं।बाद में सुवेंदु ने विधानसभा परिसर में संवाददाता सम्मेलन में शिक्षा मंत्री के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियों से राष्ट्र विरोधी तत्वों का मनोबल बढ़ेगा।
मंत्री ने कहा कि जेयू परिसर राष्ट्र-विरोधी तत्वों का केंद्र बन गया है और राज्य सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और केवल एनआइए जांच ही सच्चाई सामने ला सकती है।
बता दें कि जादवपुर विश्वविद्यालय कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के बाद स्नातक प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत को लेकर आलोचनाओं के घेरे में है।
18 वर्षीय स्नातक छात्र की नौ अगस्त को विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिरने के बाद मौत हो गई थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि वह रैगिंग और यौन उत्पीड़न का शिकार हुआ है।छात्र की मौत के मामले में अब तक जेयू के पूर्व और वर्तमान छात्रों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।