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West Bengal News: बंगाल के विभिन्न स्कूलों में नेताजी के संदेशों को फैलाने की पहल

भारतीय शिक्षण मंडल ने नेताजी के राष्ट्रवाद के बारे में आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने का उठाया है बीड़ा नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित देश के क्रांतिकारियों के अवदानों के बारे में ऐतिहासिकता को अच्छी तरह से जानते समझते हैं। संस्थान की ओर से एक वेबसाइट जारी की गई

By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Tue, 22 Nov 2022 11:41 AM (IST)
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West Bengal News: बंगाल के विभिन्न स्कूलों में नेताजी के संदेशों को फैलाने की पहल
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। आजादी के महानायकों की गाथा इतिहास में परिपूर्ण नहीं है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिवीर जिनके इर्द-गिर्द आजादी की लड़ाई और क्रांतिकारियों के संघर्ष चलते रहे उन्हें इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह आज भी नहीं मिली है। इसलिए भारतीय शिक्षण मंडल ने बंगाल के विभिन्न स्कूलों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के राष्ट्रवाद, समर्पण, विचारों और कार्यों के बारे में आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने का बीड़ा उठाया है।

इसी के तहत संस्थान ने ऐसे लोगों को पंजीकृत करने के लिए आमंत्रित किया है जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित देश के क्रांतिकारियों के अवदानों के बारे में ऐतिहासिकता को अच्छी तरह से जानते समझते हैं। संस्थान की ओर से एक वेबसाइट जारी की गई है जो है

इस पर जाकर कोई भी व्यक्ति अपना पंजीकरण कर सकता है। एक दिसंबर के पहले तक पंजीकरण होगा। इसके बाद एक से 30 दिसंबर तक एक महीने भारत माता की सेवा में उस व्यक्ति को समर्पित करना होगा। जो लोग पंजीकरण करवाएंगे उन्हें राज्य के विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा जहां अधिकाधिक विद्यालयों, महाविद्यालयों, मोहल्ला, बस्तियों में संपर्क कर शिक्षण मंडल तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के संदेशों को प्रसारित करेंगे। कार्यक्रम का समापन 30 दिसंबर को होगा। 1943 में 30 दिसंबर को ही अखंड भारत में आजाद हिंद सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान में ध्वजारोहण किया था। इसी की स्मृति में राज्यभर के विभिन्न स्थानों पर भारत माता का पूजन होगा।

बताते चलें कि भारतीय शिक्षण मंडल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक आनुसंगिक संगठन है जो शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुनरुत्थान के उद्देश्य से कार्यरत है। इसकी स्थापना वर्ष 1969 में रामनवमी के दिन हुई थी। इसके मुख्य उद्देश्य हैं- भारत की एकात्म जीवनदृृष्टि पर आधारित तथा देश की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक अनुभूति से उपजी, राष्ट्र के समग्र विकास पर केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति, पाठ्यचर्या, व्यवस्था तथा शिक्षणविधि का विकास आदि। इसका केंद्रीय कार्यालय नागपुर में है। 

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