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...जब जोध सिंह को अपने ही बेटे के एडमिशन में हुई थी बाधा

जेआइएस समूह के शैक्षिक प्रयासों द्वारा उन्होंने निरक्षरता को हटाने के रास्ते में सबसे व्यापक रूप से अग्रणी भूमिका के तौर पर काम किए।

By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 29 Jan 2018 03:08 PM (IST)
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...जब जोध सिंह को अपने ही बेटे के एडमिशन में हुई थी बाधा

कोलकाता, [जागरण संवाददाता]।जेआइएस ग्रुप के संस्थापक व अध्यक्ष सरदार जोध सिंह का गत दिनों कोलकाता में निधन हो गया। सरदार जोध सिंह 98 साल के थे। सरदार जोध सिंह दूरदर्शी, प्रेरक नेता और एक सच्चे मानवतावादी थे। सरदार जोध सिंह ‘बाबूजी’ के रूप में लोकप्रिय थे। सरदार जोध सिंह का जन्म 1920 में पंजाब के मोंटगोमरी जिले के एक गांव में हुआ था, तब ये पाकिस्तान में था।

शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने का विचार पहली बार उनके अंदर उस वक्त उभर कर आया था, जब वे अपने ही बेटे को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में नामांकित करने गये थे और उन्हें कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ा था। जोध सिंह ने 1998 में आसनसोल में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपना प्रथम अध्याय शुरू किया, 2000 में वह जेआइएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग हुआ। इस तरह वह आगे बढ़ते गए। आज उनके कठिन प्रयासों से जेआइएस ग्रुप शैक्षिक संगम बन गया है। शिक्षा के क्षेत्र में जेआइएस ग्रुप विभिन्न क्षेत्रों में 126 कार्यक्रमों व 26 संस्थानों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में नामांकित 35,000 से अधिक छात्रों के साथ पूर्वी भारत का सबसे बड़ा प्रमुख शैक्षिक सेवा प्रदाता है।

श्री सिंह हमेशा विद्यार्थियों से घिरा होना चाहते थे और यह विश्वास था कि हम सभी को एक उद्देश्य के लिए यहां जीवन दिया गया है। वे वास्तव में अपने विश्वास पर निर्भर रहते थे, क्योंकि उन्होंने अपनी उत्कृष्टता से कई जीवन को प्रकाशित किया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना की, जहां अकादमिक प्रशिक्षण के अलावा, गहरी जड़ें मानव मूल्यों को सिखाया जाता है। साथ ही समाज को जिम्मेदार, सकारात्मक, योगदान देनेवाले युवा वयस्कों को वापस देने के लिए सिखाया जाता है। सरदार जोध सिंह का जन्म 1920 में मोंटगोमरी जिले के एक गांव में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था, जो भारत-पाक विभाजन के दौरान भारत में बस गये थे। लुधियाना में व्यापार की संभावनाओं के लिए खोज करने के बाद, वह पूर्व की तरफ कोलकाता की ओर प्रस्थान किए। उन्होंने डेयरी कारोबार के लिए एक उपजाऊ जमीन देखी।

सरदार जोध सिंह प्रथम 1952 में कोलकाता आये थे और तब से यह उनका घर बन गया। उन्होंने जल्द ही इस डायरी व्यवसाय को एक समृद्ध उद्यम में बदल दिया और कोलकाता के अग्रणी दूध डेयरी उत्पाद आपूर्तिकर्ताओं को दूध की आपूर्ति शुरू कर दी। वे परिवहन, लोहा और इस्पात, रियल एस्टेट, दूरसंचार बुनियादी ढांचे और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक काम और उपRम बनाने में सफल रहे। जेआइएस समूह के शैक्षिक प्रयासों द्वारा उन्होंने निरक्षरता को हटाने के रास्ते में सबसे व्यापक रूप से अग्रणी भूमिका के तौर पर काम किए।