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तेजी से बदलने लगा ये सियासी रंग, जितेंद्र तिवारी ममता के अलावा अन्य किसी से बात करने को तैयार नहीं

बगावत-तृणमूल नेतृत्व ने मंगलवार को बैठक के लिए तिवारी को बुलाया था पर नहीं आए। 18 दिसंबर को ममता के साथ बैठक के लिए पांडेश्वर के विधायक ने मांगा वक्त। पत्र के हवाले से सरकार लाए सवालों के घेरे में। ये पत्र राज्य के शहरी विकास मंत्री को लिखा।

By Vijay KumarEdited By: Updated: Tue, 15 Dec 2020 05:23 PM (IST)
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बगावत, नाराजगी, दलबदल जो अक्सर ही चुनावी मौसम में दिखते हैं लेकिन बंगाल में वह सब दिखने लगा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः विधानसभा चुनाव को लेकर बंगाल में सियासी रंग तेजी से बदल रहे हैं। बगावत, नाराजगी, दलबदल जो अक्सर ही चुनावी मौसम में दिखते हैं वह सब दिखने लगा है। विशेष रूप से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में विद्रोही स्वर तेज होते जा रहे हैं। इस कड़ी में एक और नाम आसनसोल नगर निगम के प्रशासक व विधायक जितेंद्र तिवारी जुड़़ गया है। तिवारी ने अपने ही दल के मंत्री को पत्र लिखकर ही विकास के मुद्दे राज्सय सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। इसे लेकर जब तृणमूल नेतृत्व ने उनकी नारजागी दूर करने के लिए मंगलवार को कोलकाता आने को कहा तो उन्होंने आने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख के अलावे अन्य किसी भी नेता से बात नहीं करेंगे।

पार्टी प्रमुख के साथ उनकी बैठक 18 दिसंबर को

खबर है कि पांडेश्वर के विधायक जितेंद्र तिवारी ने ममता बनर्जी से मुलाकात के लिए समय मांगा है। इस समय ममता तीन दिनों को उत्तर बंगाल दौरे पर है और वह 17 दिसंबर की शाम को कोलकाता लौटेंगे। कहा जा रहा है कि पार्टी प्रमुख के साथ उनकी बैठक 18 दिसंबर को हो सकती है।

पत्र के हवाले से सरकार लाए सवालों के घेरे में

ये मुलाकात काफी अहम इसलिए होगी क्योंकि तिवारी ने पार्टी पर जो पत्र बम फोड़ा है वह ममता सरकार पर ही सवालों के घेरे में ला दिया है। पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार से स्मार्ट सिटी के लिए 2000 करोड़ रुपये और ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 1500 करोड़ रुपये मिलते लेकिन राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी। 

ये पत्र राज्य के शहरी विकास मंत्री को लिखा था

यही नहीं विकास कगे लिए राज्य सरकार से भी फंड नहीं मिले। तिवारी ने यह पत्र राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम को लिखा था। जिसमें कई आरोप लगाए हैं। इसके बाद तृणमूल नेतृत्व ने उन्हें मंगलवार की शाम तक कोलकाता पहुंचने कहा ताकि उनकी नाराजगी दूर की जा सके। 

फिर अन्य नेताओं से बात करने की जरूरत क्या

परंतु, सोमवार की रात को ही उन्होंने मंत्री अरूप विश्वास को फोन किया और कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं। पांच मिनट वह समय दे सकती हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे जो कहना है वह सीएम से कहेंगे। फिर अन्य नेताओं से बात करने की जरूरत क्या है।