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Ukraine Russia War: 'जंग रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत', रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी राजदूत ने कही ये बात

कोलकाता में शिक्षा पर आयोजित कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गार्सेटी ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के साथ मजबूत संबंध रखने वाला भारत दोनों देशों के बीच संघर्ष को सुलझाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 20 Jul 2024 05:45 AM (IST)
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'जंग रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकता है भारत'- अमेरिकी राजदूत

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के साथ मजबूत संबंध रखने वाला भारत दोनों देशों के बीच संघर्ष को सुलझाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस मामले पर निर्णय लेना विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र पर निर्भर करता है।

उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश का स्वागत करते हैं जो किसी अन्य देश की सीमाओं की संप्रभुता में बाधा डालने वाले और निर्दोष नागरिकों को बहुत पीड़ा पहुंचाने वाले अनुचित आक्रमण के खिलाफ खड़ा होता है।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत- गार्सेटी

कोलकाता में शिक्षा पर आयोजित कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गार्सेटी ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की बढ़ती भूमिका का स्वागत किया। अमेरिकी राजदूत ने भारतीय महासागर में समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत मालवाहक जहाजों को छुड़ाने के लिए भारतीय नौसेना की साहसिक कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि भारत ग्लोबल साउथ के सशक्तीकरण में भी बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम विश्व में किसी भी युद्ध के बेहतर समाधान के लिए भारत द्वारा निभायी जाने वाली किसी भी भूमिका का स्वागत करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सबसे बुनियादी सिद्धांत सीमाओं की संप्रभुता

संवाददाताओं से बात करते हुए गार्सेटी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सबसे बुनियादी सिद्धांत सीमाओं की संप्रभुता है। हमने सीमा के मसले पर भारत का समर्थन किया है। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि पिछले साल जब जुलाई में भारत के पूर्वोत्तर पर बात की थी, तो उनकी बात को गलत समझा गया था, जहां मणिपुर में अशांति देखी जा रही है।

गार्सेटी ने कहा कि मैंने सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही कि मनुष्य के रूप में, जब हम कहीं भी पीड़ा देखते हैं, चाहे वह अमेरिका में हो, भारत में हो या किसी तीसरे देश में, तो हमें पीड़ा होती है।

उन्होंने दोहराया कि यह भारत का मुद्दा है जिसे भारत और भारतीयों को सुलझाना है, न कि अमेरिका को। उन्होंने कहा कि हम पूर्वोत्तर से प्यार करते हैं और अगर भारत सरकार स्वास्थ्य, आर्थिक विकास, युवा सशक्तीकरण के मामले में हमसे मदद मांगती है, तो हम पूर्वोत्तर में किसी भी (इनमें से किसी भी मुद्दे) पर सहायता करने के लिए तैयार हैं।

भारत-अमेरिका आपसी संबंधों को कई गुना बढ़ा सकते

एरिक गार्सेटी ने दोनों देशों के संबंधों को गुणात्मक' करार दिया। उन्होंने कहा कि हम जो कर पा रहे हैं वह इस बात का उदाहरण है कि भारत और अमेरिका हमारे आपसी संबंधों को कई गुना बढ़ाने में सक्षम हैं। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना लोकतंत्र आगे बढ़ रहा है, क्योंकि ये दोनों एक दूसरे से प्रेम करते हैं।

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अपने 16 से 17 महीने के कार्यकाल में उन्होंने 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा किया है, इस दौरान उन्होंने ऐसे देश का अद्भुत नजारा देखा है, जो विश्व में उभर रहा है तथा एक ऐसी अर्थव्यवस्था का अनुभव किया है, जो विकासशील विश्व में सबसे मजबूत है।

यूक्रेन से संबंधों पर जयशंकर की कुलेबा से वार्ता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को टेलीफोन से यूक्रेन के अपने समकक्ष दिमित्रो कुलेबा से बात की। यह वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा पर कड़ा विरोध व्यक्त किया था। जयशंकर ने यूक्रेनी समकक्ष से हुई वार्ता को द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया है।

कहा है कि वार्ता में दोनों देशों के संबंधों के विकास के बारे में बात हुई और उसके विकास पर बल दिया गया। जबकि विदेश मंत्री कुलेबा ने एक्स पर पोस्ट अपने बयान में कहा है कि जी 7 समिट के दौरान इटली में राष्ट्रपति जेलेंस्की और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई वार्ता में बनी सहमति को आगे बढ़ाते हुए उनकी डा. जयशंकर से बात हुई है। इसमें द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर सहमति जताई गई। संबंधों में विस्तार के लिए बातचीत का यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा।