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अमेरिका बोला, अनुच्‍छेद-370 हटाना भारत का अंदरूनी फैसला, आतंकवाद पर बात करेंगे मोदी-ट्रंप

एक वरिष्‍ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि अनुच्‍छेद-370 को हटाना भारत का अंदरूनी निर्णय है। राष्‍ट्रपति ट्रंप जी-7 शिखर वार्ता में पीएम मोदी से आतंकवाद पर चर्चा सकते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 24 Aug 2019 12:26 PM (IST)
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अमेरिका बोला, अनुच्‍छेद-370 हटाना भारत का अंदरूनी फैसला, आतंकवाद पर बात करेंगे मोदी-ट्रंप

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात में पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर मुद्दे के साथ साथ पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद पर चर्चा सकते हैं। अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अनुच्‍छेद-370 को हटाना भारत का अंदरूनी निर्णय है लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप संभवतः यह सुनना चाहते हैं कि पीएम मोदी इस बाबत उपजे क्षेत्रीय तनाव को कैसे शांत करेंगे। हमें उम्‍मीद है कि दोनों के बीच उत्‍पादक बातचीत होगी। 

— ANI (@ANI) August 24, 2019

अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप पीएम मोदी के साथ बैठक के लिए बहुत उत्सुक हैं। अमेरिका  भारत से टैरिफ कम करने और अपने बाजार खोलने की उम्‍मीद लगा रहा है। बैठक में रणनीतिक साझेदारी, रक्षा सहयोग, आतंकवाद और व्यापार जैसे महत्‍वपूर्ण मसलों पर बातचीत हो सकती है। अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात में पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर मुद्दे और मानवाधिकार पर चर्चा सकते हैं। 

शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हम कश्मीर के घटनाक्रम की वजह से पड़ने वाले व्यापक असर और क्षेत्र में संभावित अस्थिरता की आशंका पर संज्ञान ले रहे हैं। कश्मीर पर मोदी की ओर से उठाए अहम कदम की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति संभवत: सभी पक्षों के बीच बातचीत पर जोर देंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा के पार से होने वाली घुसपैठ रोकने और भारत में आतंकी हमले में शामिल, पाक में सक्रिय गुटों पर लगाम लगाने को कहा है।

ट्रंप प्रशासन के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों ने बताया कि अनुच्‍छेद-370 खत्म करने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए अमेरिका दो तरफा रणनीति पर काम रहा है। पहली रणनीति के तहत वह सीमा पार घुसपैठ रोकने और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय और अन्य सहायता नहीं देने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है। दूसरी रणनीति के तहत वह भारत को जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

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