Chinese Satellites: चीन की चांद पर पहुंचने की उम्मीदों को लगा तगड़ा झटका, चंद्रमा की कक्षा में नहीं पहुंच सके उपग्रह
हांगकांग के चाइना मार्निंग पोस्ट ने बताया कि चीन की योजना थी कि इन दोनों उपग्रहों को चंद्रमा की दूर की प्रतिगामी कक्षा (डीआरओ) में प्रवेश कराया जाए। वहां से वे उड़ान भरते और तीसरे उपग्रह डीआरओ-एल के साथ काम करते। डीआरओ-एल को गत माह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच लेजर आधारित नेविगेशन प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था।
पीटीआई, बीजिंग। चीन के दो उपग्रह तकनीकी खामी आने के कारण चंद्रमा की नियोजित कक्षा में पहुंचने में सफल नहीं हो सके। इससे बीजिंग के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम को तगड़ा झटका लगा है। चीन के सिचुआत प्रांत स्थित जिचांग सेटेलाइट लांच सेंटर से बुधवार शाम डीआरओ-ए और डीआरओ-बी नामक दो उपग्रहों को चंद्रमा पर भेजा गया था।
लॉन्च होने के बाद पहला और दूसरा चरण सामान्य रूप से संचालित हुआ लेकिन उड़ान के दौरान ऊपरी चरण में तकनीकी खामी आने के कारण उपग्रह पूर्व नियोजित कक्षा में सही तरीके से प्रवेश नहीं कर सके। लॉन्च सेंटर के हवाले से चीन की सरकारी शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया कि इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है।
हांगकांग के चाइना मार्निंग पोस्ट ने बताया कि चीन की योजना थी कि इन दोनों उपग्रहों को चंद्रमा की दूर की प्रतिगामी कक्षा (डीआरओ) में प्रवेश कराया जाए। वहां से वे उड़ान भरते और तीसरे उपग्रह डीआरओ-एल के साथ काम करते। डीआरओ-एल को गत माह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच लेजर आधारित नेविगेशन प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था।