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Al-Aqsa Mosque: इजरायल ने युवाओं को अल-अक्सा मस्जिद में नहीं पढ़ने दी नमाज, केवल पांच हजार बुजुर्गों को मिली इजाजत

इजरायली सुरक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को युवा फलस्तीनियों को अल-अक्सा मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए नहीं घुसने दिया। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वे (युवा फलस्तीनी) यरुशलम के पुराने शहर के बाहरी हिस्से में जाकर नमाज पढ़ें। इस दौरान केवल पांच हजार अधेड़ और वृद्ध मुस्लिमों को मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 27 Oct 2023 11:11 PM (IST)
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कड़े सुरक्षा बंदोबस्त में हुई जुमे की धार्मिक गतिविधि। (फोटो- एपी)
रायटर्स, यरुशलम। इजरायली सुरक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को युवा फलस्तीनियों को अल-अक्सा मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए नहीं घुसने दिया। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वे (युवा फलस्तीनी) यरुशलम के पुराने शहर के बाहरी हिस्से में जाकर नमाज पढ़ें। इस दौरान केवल पांच हजार अधेड़ और वृद्ध मुस्लिमों को मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई।

करीब 50 हजार लोगों ने पढ़ी नमाज

सात अक्टूबर से पहले शुक्रवार के दिन करीब 50 हजार लोग पवित्र मस्जिद में आकर नमाज पढ़ते थे। अल-अक्सा मस्जिद को इस्लाम में तीसरे सबसे पवित्र स्थल का दर्जा प्राप्त है। यरुशलम के इस्लामी धार्मिक कार्यों से संबंधित विभाग के प्रमुख ने बताया है कि शुक्रवार को पांच हजार लोगों ने अल-अक्सा मस्जिद में नमाज पढ़ी। इस दौरान इजरायली पुलिस के मस्जिद और उसके आसपास के इलाके में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त थे।

1967 में इजरायल ने किया था इस इलाके पर कब्जा

बता दें कि इजरायल ने इस इलाके को 1967 में अरब देशों से युद्ध के दौरान कब्जे में लिया था। इस समय इजरायल के कब्जे में पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक का हिस्सा है। यरुशलम को राजधानी बनाने के मसले पर भी इजरायल और फलस्तीन में दशकों से विवाद चल रहा है।

अमेरिका ने यरुशलम को माना था राजधानी

अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अपना इजरायली दूतावास तेल अवीव से यरुशलम में स्थानांतरित कर उसे इजरायल की राजधानी का दर्जा देने की कोशिश की, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस इलाके पर इजरायली कब्जे को अभी तक मान्यता नहीं दी है।