Charlie Hebdo Attack Case: शार्ली आब्दो के दफ्तर पर हमले के मामले में मुकदमा शुरू
Charlie Hebdo Attack Case जांच में माना गया कि तीनों हमलावर सीरिया से आए थे जो बाद में अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में मार गिराए गए।
पेरिस, रायटर। फ्रांस की पत्रिका शार्ली आब्दो के दफ्तर में घुसकर गोलियां बरसाने की वारदात के साजिशकर्ताओं पर बुधवार को अदालत में मुकदमा शुरू हो गया। सात जनवरी, 2015 की इस घटना में पत्रिका के संपादक स्टीफन कार्बोनियर समेत 12 लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में ज्यादातर पत्रकार थे। पत्रिका ने हमले से करीब दस साल पहले पैगंबर मुहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित किया था। इसी से नाराज मुस्लिम हमलावरों ने पत्रिका के दफ्तर पर हमला किया था। जांच में माना गया कि तीनों हमलावर सीरिया से आए थे, जो बाद में अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में मार गिराए गए।
वारदात के साजिशकर्ता के तौर पर 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है, बुधवार को इनमें से 11 अदालत में मौजूद थे। अदालत अब इन्हीं पर मुकदमा चला रही है। पहले दिन की सुनवाई के समय पत्रिका के वर्तमान संपादक लौरेंट रिस सौरीस भी मौजूद थे। वह आंखें बंदकर सिर झुकाए हुए अदालत की कार्यवाही में कही जा रही बातों को सुनते रहे।
न्यायाधीश रेजिस डी जोर्ना ने हमलावर सैद और चेरिफ काउची नाम के भाइयों को पैगंबर और इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। इन दोनों का संबंध अल कायदा की यमनी शाखा से पाया गया है। पत्रिका के दफ्तर में वारदात कर फरार हुआ तीसरा हमलावर एमदी कौलीबाली एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या कर सुपर मार्केट में जा छिपा, जहां तलाशी शुरू होने पर वहां मौजूद चार यहूदी पर्यटकों को उसने बंधक बना लिया।
लेकिन बाद में वह भी काउची भाइयों की तरह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। मामले को अदालत में पेश करते हुए फ्रांस के आतंकवाद के मामलों के लोक अभियोजक जीन-फ्रैंकॉइस रिकार्ड ने कहा, मुकदमे में हमलावरों की गैरमौजूदगी पीडि़त परिवारों में हताशा का भाव पैदा कर रही है लेकिन साजिश में शामिल रहे लोगों पर मुकदमा चलना और उनका दंडित होना पीडि़तों के घावों पर मरहम लगाने का काम करेगा।