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G7 Summit 2024: 2035 तक कोयले का इस्तेमाल होगा बंद, G7 देशों ने किया समझौता; भारत को लेकर कही ये बात

जी7 समूह के ऊर्जा मंत्रियों ने एक समझौता किया है जिसमें 2035 तक अपने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करने पर सहमति बनी है। इसे जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ब्रिटेन के ऊर्जा सुरक्षा मंत्री एंड्रयू बावी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक समझौता है। इटली के राजनयिक सूत्रों ने कहा कि एक तकनीकी समझौता हो गया है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Mon, 29 Apr 2024 11:45 PM (IST)
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जी7 देशों ने 2035 तक कोयले का प्रयोग बंद करने के लिए किया समझौता। (फाइल फोटो)

रॉयटर्स, ट्यूरिन। जी7 समूह के ऊर्जा मंत्रियों ने एक समझौता किया है जिसमें 2035 तक अपने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करने पर सहमति बनी है। इसे जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

ब्रिटेन के ऊर्जा सुरक्षा मंत्री एंड्रयू बावी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक समझौता है। इटली के राजनयिक सूत्रों ने कहा कि एक तकनीकी समझौता हो गया है। इस समझौते को ट्यूरिन में दो दिवसीय बैठक के अंत में मंगलवार को जारी होने वाली जी7 ऊर्जा मंत्रियों की अंतिम घोषणा में शामिल किया जाएगा।

यह फैसला बदलाव में तेजी लाने में मदद करेगा

इटली के जलवायु परिवर्तन थिंक-टैंक ईसीसीओ के सह-संस्थापक सदस्य लुका बर्गमास्ची ने कहा कि यह विशेष रूप से जापान में और व्यापक रूप से चीन और भारत सहित संपूर्ण एशियाई अर्थव्यवस्था में कोयले से स्वच्छ प्रौद्योगिकी की ओर निवेश के बदलाव में तेजी लाने में मदद करेगा।

इटली ने 4.7 प्रतिशत उत्पादन कोयले से किया

इटली ने पिछले साल कुल बिजली का 4.7 प्रतिशत उत्पादन कोयला आधारित स्टेशनों के माध्यम से किया था। रोम वर्तमान में सार्डिनिया द्वीप को छोड़कर 2025 तक अपने संयंत्रों को बंद करने की योजना बना रहा है।

जर्मनी और जापान में कोयले की बड़ी भूमिका

जर्मनी और जापान में कोयले की बड़ी भूमिका है। पिछले साल जापान की अध्यक्षता में जी7 समूह ने कोयला से बिजली उत्पादन को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की दिशा में ठोस कदमों को प्राथमिकता देने का वादा किया था, लेकिन एक विशिष्ट समय सीमा का संकेत नहीं दिया गया था।

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