Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

इटली में World War II में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में बना स्मारक

इटली में भारत की राजदूत डॉ. नीना मल्होत्रा और डिफेंस अटैची ने समारोह के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी अभियान में केंद्रीय भूमिका निभाई थी जिसमें चौथी 8वीं और 10वीं डिविजन के 50000 से अधिक भारतीय सैनिक शामिल थे। इटली में वीरता के लिए दिए गए 20 विक्टोरिया क्रास में से छह भारतीय सैनिकों ने जीते थे।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 22 Jul 2023 11:02 PM (IST)
Hero Image
भारतीय सैनिकों को सम्मान देने के लिए इटली में एक स्मारक का अनावरण किया गया है।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली, पीटीआई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को सम्मान देने के लिए इटली में एक स्मारक का अनावरण किया गया है। इटली में भारत की राजदूत डॉ. नीना मल्होत्रा और डिफेंस अटैची ने समारोह के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व किया। तीबर घाटी में वीरता से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले और विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित भारतीय योद्धा नायक यशवंत घाड़गे को इस मौके पर विशेष रूप से याद किया गया।

इतालवी अभियान में 5 हजार से ज्यादा सैनिक हुए थे शहीद

भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी अभियान में केंद्रीय भूमिका निभाई थी, जिसमें चौथी, 8वीं और 10वीं डिविजन के 50,000 से अधिक भारतीय सैनिक शामिल थे। 23,722 भारतीय सैनिक हताहत हुए, जिनमें से 5,782 भारतीय सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था।

जानें क्या है स्मारक का आदर्श

इटली में वीरता के लिए दिए गए 20 विक्टोरिया क्रॉस में से छह भारतीय सैनिकों ने जीते थे। इटली में 40 राष्ट्रमंडल युद्ध समाधि स्थलों में उनका स्मरण किया जाता है। यह स्मारक एक कार्यरत धूपघड़ी (सनडायल) के रूप में है।

स्मारक का आदर्श वाक्य 'ओमाइंस सब ईओडेम सोल' है जिसका हिन्दी में अनुवाद ''हम सभी एक ही सूर्य के नीचे रहते हैं'' है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में इतालवी नागरिक, विशिष्ट अतिथि और इतालवी सशस्त्र बलों के सदस्य भी उपस्थित थे।