Myanmar: सेना और विद्रोही एलायंस के बीच अस्थायी युद्धविराम को लेकर बनी सहमति, दोनों पक्षों ने किया यह वादा
म्यांमार की सत्तारूढ़ सेना ने जातीय अल्पसंख्यक सेनाओं के गठबंधन के साथ अस्थायी युद्धविराम पर अपनी सहमति व्यक्त की है। म्यांमार जुंटा के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने अपनी योजना पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारी योजना युद्धविराम समझौते पर आगे चर्चा करने और उसे मजबूत करने की है। हम बॉर्डर गेट्स को फिर से खोलने के लिए आगे की चर्चा में भी शामिल होंगे।
रायटर, नैय्पिडॉ। म्यांमार की सत्तारूढ़ सेना ने जातीय अल्पसंख्यक सेनाओं के गठबंधन के साथ 'अस्थायी युद्धविराम' पर अपनी सहमति व्यक्त की है। बता दें कि म्यांमार जुंटा ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वह चीन की मध्यस्थता वाली बैठक में जातीय अल्पसंख्यक सेनाओं के गठबंधन के साथ 'अस्थायी युद्धविराम' पर सहमत हुई है।
बकौल रिपोर्ट, म्यांमार जुंटा के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने अपनी योजना पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा,
हमारी योजना युद्धविराम समझौते पर आगे चर्चा करने और उसे मजबूत करने की है। हम बॉर्डर गेट्स को फिर से खोलने के लिए म्यांमार और चीन के बीच आगे की चर्चा में शामिल होंगे।
म्यांमार में चल रहा सैन्य संघर्ष
म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में तख्तापलट करते हुए देश की निर्वाचित आंग सान-सू सरकार को अपदस्थ कर दिया। जिसके बाद कई संगठनों ने हथियार उठा लिए। उस वक्त से देश के बड़े हिस्सों में सेना और इन संगठनों के बीच संघर्ष चल रहा है। तकरीबन तीन साल से सैन्य सरकार ने विद्रोहियों के खिलाफ हमले तेज कर रखे हैं। खास तौर पर चीन से लगी उत्तरी सीमा पर जबरदस्त हिंसा हुई है।यह भी पढ़ें: भारतीय सीमा के पास म्यांमार की सेना ने गिराए बम, हवाई हमले में नौ बच्चों सहित 17 की मौत
देश में तख्तापलट के बाद म्यांमार जुंटा के लिए विद्रोही संगठनों ने सबसे बड़ी चुनौती पेश की और बॉर्डर ट्रेड में परेशानी और शरणार्थियों की एंट्री की संभावना के बारे में चीन में चिंता पैदा कर दी।
अस्थायी युद्धविराम समझौता
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर के साथ बातचीत में विद्रोही संगठनों में से एक टीएनएलए के नेता ने कहा कि थ्री ब्रदरहुड एलायंस और सेना आगे बढ़े बिना युद्धविराम को लेकर सहमत हुए। हालांकि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने नाम बताने से इनकार कर दिया। इस दौरान उन्होंने एलायंस ग्रुप्स और म्यांमार जुंटा की ओर से समझौते का मतलब भी समझाया। एक तरफ एलायंस ग्रुप्स को दुश्मनों के शिविरों पर हमला न करने की हिदायद दी गई तो दूसरी ओर सैन्य पक्ष हमाई हमले, बमबारी या फिर भारी हथियारों के जरिये हमलों में शामिल नहीं होगा।यह भी पढ़ें: 'LAC पर हालात अभी भी तनावपूर्ण', जनरल मनोज पांडे बोले-टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग पर भारतीय सेना का ध्यानचीन ने क्या कुछ कहा?
चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीन के कुनमिंग शहर में 10-11 जनवरी को शांति वार्ता हुई, जहां पर दोनों पक्षों ने तत्काल प्रभाव से गोलीबारी बंद करने और युद्ध को रोकने पर अपनी सहमति जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा,दोनों पक्षों ने चीन सीमा के पास रह रहे निवासियों को नुकसान नहीं पहुंचाने का वादा किया।