पन्नू मामले में अमेरिकी प्रत्यर्पण के खिलाफ निखिल की याचिका खारिज, चेक गणराज्य की संवैधानिक कोर्ट ने लिया फैसला
खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास में षड्यंत्र रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की अमेरिकी प्रत्यर्पण के विरोध में दाखिल याचिका चेक गणराज्य की संवैधानिक कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने हाई कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। अब निखिल के प्रत्यर्पण का अंतिम निर्णय चेक गणराज्य के न्याय मंत्री पावेल ब्लाजेक लेंगे।
पीटीआई, लंदन। खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास में षड्यंत्र रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की अमेरिकी प्रत्यर्पण के विरोध में दाखिल याचिका चेक गणराज्य की संवैधानिक कोर्ट ने खारिज कर दी है।
इसके साथ ही कोर्ट ने हाई कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। अब निखिल के प्रत्यर्पण का अंतिम निर्णय चेक गणराज्य के न्याय मंत्री पावेल ब्लाजेक लेंगे।
अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर अभियोग लगाया है कि उसने पिछले वर्ष नवंबर में एक भारत सरकार के अधिकारी से मिलकर अमेरिकी धरती पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। निखिल को 30 जून, 2023 को चेक
गणराज्य की राजधानी प्राग में गिरफ्तार कर लिया गया था। अमेरिका सरकार उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है। चेक संवैधानिक कोर्ट इसके विरुद्ध दाखिल निखिल की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि निखिल के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर उसे किसी मूल अधिकार और स्वतंत्रा के अधिकार के उल्लंघन की बात नहीं दिखती। उसने मामले के राजनीतिक होने के तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही स्थानीय कोर्ट और हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उसके प्रत्यपर्ण को स्वीकार किया गया था।