Russia Warns Ukraine: स्वीडन- फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से बौखलाया रूस, यूक्रेन पर नए आक्रमण की दी चेतावनी
पुतिन की धमकियों के जवाब में स्वीडन और फिनलैंड के आवेदनों को अमेरिकी सीनेट ने नाटो की मंजूरी दे दी है। इसके ठीक बाद यूक्रेन की तरफ से जानकारी आ रही है कि रूस यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के गृहनगर क्रिवी रिहो को फिरसे निशाना बना रहा है।
कीव, एजेंसी। अमेरिकी सीनेट ने नाटो में शामिल होने के लिए स्वीडन और फिनलैंड के आवेदनों को मंजूरी दे दी है। इस कदम से रूस में खलबली मची हुई है। रूस इतना बौखला चूका है कि उसने अमेरिका द्वारा लिए गए इस कदम के बाद यूक्रेन को आक्रमण की धमकी तक दे डाली है। यूक्रेन की तरफ से जारी जानकारी में कहा गया है कि रूस ने राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के गृहनगर क्रिवी रिहो को निशाना बनाने के उद्देश्य से एक सैन्य स्ट्राइक फोर्स बनाना शुरू कर दिया है। जबकि नाटो दशकों बाद अपने सबसे महत्वपूर्ण विस्तार के करीब पहुंच गया है। अमेरिकी सीनेट और इतालवी संसद दोनों ने बुधवार को फिनलैंड और स्वीडन के 30 सदस्यीय उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने को मंजूरी दी है।
इस मौके पर अमेरिका ने कहा- 'यह ऐतिहासिक वोट नाटो के लिए निरंतर, द्विदलीय अमेरिकी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण संकेत देता है, और यह सुनिश्चित करता है कि हमारा गठबंधन आज और आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।'
वहीं राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान में कहा- '24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण करने वाले रूस ने फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल होने के खिलाफ बार-बार चेतावनी दी है।' हम दोनों देशों के साथ खड़े हैं।
नाटो के 30 सहयोगियों ने पिछले महीने फिनलैंड और स्वीडन के प्रवेश के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया था। जिसके बाद दोनों देशों को उन्हें अमेरिका के नेतृत्व वाले परमाणु-सशस्त्र गठबंधन में शामिल होने की अनुमति मिली।
बता दें कि स्पेन में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन में स्वीडन और फिनलैंड के गठबंधन में शामिल होने पर औपचारिक मुहर लग गई है। नाटो नेताओं ने बुधवार को इन दोनों देशों को गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। स्वीडन और फिनलैंड के शामिल होने पर पहले तुर्की ने आपत्ति जताई थी, लेकिन बाद में अमेरिका के दबाव में उसने यू-टर्न ले लिया। इसके साथ ही नाटो गठबंधन में स्वीडन और फिनलैंड के शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। यह पिछले एक दशक में नाटो गठबंधन का सबसे बड़ा विस्तार होगा।