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पाकिस्तान को 1.1 अरब डालर की मदद देने को लेकर IMF से समझौता, तीन अरब डाॅलर के बेलआउट पैकेज की यह अंतिम किस्त होगी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की टीम नाथन पार्टर के नेतृत्व में 14 से 19 मार्च तक इस्लामाबाद में रही। टीम ने इस दौरान आइएमएफ समर्थित पाकिस्तान के आर्थिक कार्यक्रम की दूसरी और अंतिम समीक्षा की। आइएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए तीन अरब डालर की स्टैंड-बाय व्यवस्था को मंजूरी दी थी। टीम ने कहा कि पहली समीक्षा के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 20 Mar 2024 11:45 PM (IST)
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पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार (फाइल फोटो)
पीटीआई, इस्लामाबाद। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए राहत भरी खबर है। तीन अरब डालर के बेलआउट पैकेज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की टीम और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच एक कर्मचारी स्तर समझौता हुआ है, इससे 1.1 अरब डालर की अंतिम किस्त जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। अब इस पर आइएमएफ के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी मिलनी है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की टीम नाथन पार्टर के नेतृत्व में 14 से 19 मार्च तक इस्लामाबाद में रही। टीम ने इस दौरान आइएमएफ समर्थित पाकिस्तान के आर्थिक कार्यक्रम की दूसरी और अंतिम समीक्षा की। आइएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए तीन अरब डालर की स्टैंड-बाय व्यवस्था को मंजूरी दी थी। आइएमएफ ने कहा कि समझौता हाल के महीनों में पाकिस्तान के स्टेट बैंक और कार्यवाहक सरकार द्वारा मजबूत कार्यक्रम कार्यान्वयन को मान्यता देता है।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार 

टीम ने कहा कि पहली समीक्षा के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन अभी और सुधार करना होगा। आइएमएफ ने कहा कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान को आगे भी गैस और बिजली की दरों को बढ़ाना होगा। आइएमएफ ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने मध्यम अवधि के नए बेलआउट पैकेज में रुचि दिखाई है। आने वाले महीनों में इस पर चर्चा की जाएगी।

शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल ने वेतन छोड़ने का लिया निर्णय

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल ने बुधवार को सर्वसम्मत से वेतन और संबंधित सुविधाओं को छोड़ने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अनावश्यक खर्चों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार की मितव्ययी नीतियों के तहत कैबिनेट बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने पहले ही सरकार द्वारा वित्त पोषित विदेशी यात्राओं को प्रतिबंधित करने के उपाय पेश कर दिए हैं।

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