Britain News: ब्रिटेन में प्रदर्शन के अधिकार पर रोक, कानूनी-संवैधानिक विशेषज्ञों ने स्थिति को बताया चिंताजनक
न्यायालय के बाहर आरोपितों को रिहा करने पर न्यायाधीशों को अधिकार याद दिलाने वाला चिह्न रखने पर एक सेवानिवृत्त को दो साल जेल का सामना करना पड़ा। एक पुल पर जस्ट स्टाप ऑयल लिखा बैनर टांगने के लिए इंजीनियर को तीन साल की सजा दे दी गई। ब्रिटेन में 2022 में कानूनी परिवर्तन कर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रविधान किया गया है।
एपी, लंदन। न्यायालय के बाहर आरोपितों को रिहा करने पर न्यायाधीशों को अधिकार याद दिलाने वाला चिह्न रखने पर एक सेवानिवृत्त को दो साल जेल का सामना करना पड़ा। एक पुल पर 'जस्ट स्टाप ऑयल' लिखा बैनर टांगने के लिए इंजीनियर को तीन साल की सजा दे दी गई। ब्रिटेन में 2022 में कानूनी परिवर्तन कर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रविधान किया गया है।
नया कानून विरोध-प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करता है। हालांकि सरकार कहती है कि कानून अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने से और दैनिक जीवन को बाधित करने से रोकता है।
वैध विरोध किसी भी देश को रहने के लिए सुरक्षित
पर्यावरणविद् और फ्रेंड्स ऑफ द अर्थ के पूर्व निदेशक जोनाथन पोरिट ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वैध विरोध किसी भी देश को रहने के लिए सुरक्षित और सभ्य स्थान बनाने के लिए आवश्यक हैं लेकिन सरकार का इरादा स्पष्ट है कि वह हर प्रकार के वैध विरोध को दबाना चाहती है।
देश में नागरिक अधिकारों का हनन किया जा रहा
आलोचकों का कहना है कि देश में नागरिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियां और पर्यावरण कार्यकर्ताओं को चरमपंथी करार देना उदार लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। किंग्स कॉलेज लंदन के राजनीतिक विज्ञानी एंड्रयू ब्लिक ने कहा कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करने को कहा। इस प्रकार के कृत्य लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।
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