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सृजन घोटाला : बैंक ऑफ इंडिया ने जमा नहीं की 40 प्रतिशत राशि, डीएम ने खारिज की अपील, पैसा वसूलने का दिया आदेश

सृजन घोटाला मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल बैंक ऑफ इंडिया ने नीलामपत्र वाद पदाधिकारी के फैसले के खिलाफ समाहर्ता के न्यायालय में अपील की थी लेकिन 40 प्रतिशत राशि जमा नहीं करने पर जिलाधिकारी ने बैंक की अपील खारिज कर दी है। बता दें कि इस बैंक पर सृजन घोटाला मामले के आरोपी को मदद पहुंचाने का आरोप है।

By Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 26 Aug 2023 02:54 PM (IST)
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बैंक ऑफ इंडिया की तस्वीर। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, भागलपुर : सृजन घोटाला मामले में नीलामपत्र वाद पदाधिकारी के फैसले के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया ने समाहर्ता के न्यायालय में अपील की थी। पर 40 प्रतिशत राशि जमा नहीं करने पर जिलाधिकारी ने बैंक की अपील खारिज कर दी।

इसके साथ ही आदेश दिया कि नीलामपत्र वाद पदाधिकारी (उप विकास आयुक्त) नियमानुसार बैंक से राशि की वसूली करें। बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन अधिकारियों पर सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड को मदद पहुंचाने का आरोप है।

कल्याण विभाग की राशि लौटाने का दिया आदेश 

दरअसल, नीलामपत्र वाद पदाधिकारी ने बैंक ऑफ इंडिया को कल्याण विभाग की राशि लौटाने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ बैंक हाई कोर्ट चली गई थी। कोर्ट ने बैंक को यह कहते हुए वापस कर दिया था कि प्रक्रिया पूरी करने के बाद न्यायालय में अपील दायर करें।

इसके बाद बैंक आफ इंडिया ने समाहर्ता के न्यायालय अपील दायर की थी। चूकि कल्याण विभाग को मिलने वाली राशि का 40 प्रतिशत हिस्सा जमा करने के बाद समाहर्ता के न्यायालय में केस स्वीकृत हो सकता था, इसलिए जिलाधिकारी के न्यायालय में केस स्वीकृत नहीं हुआ है।

बैंक 40 प्रतिशत राशि जमा करने के लिए तैयार नहीं है। बैंक की ओर से कोड ऑफ सिविल प्रोसिडयोर की धारा 151 का हवाला दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के कुछ केस का हवाला भी दिया गया था।

इधर, नीलामपत्र वाद पदाधिकारी ने शुक्रवार को कल्याण विभाग से जुड़े मामले की सुनवाई की। बैंक ने कहा कि अभी आदेश की कापी नहीं मिली है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

सात मार्च 22 तक लौटानी थी राशि

सृजन घोटाला मामले में जिला कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय से 221 करोड़ 60 लाख 89 हजार 69 रुपये की अवैध निकासी हुई थी। राशि की वसूली के लिए तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया सबौर शाखा, बैंक ऑफ इंडिया भागलपुर शाखा और बैंक ऑफ बड़ौदा के विरुद्ध नीलामपत्र वाद दायर किया था।

नीलाम पत्र पदाधिकारी ने 24 फरवरी 2020 को कल्याण कार्यालय के पक्ष में आदेश देते हुए संबंधित बैंकों को एक माह के अंदर राशि लौटाने का आदेश दिया था। बैंक ऑफ इंडिया सबौर शाखा इसके विरुद्ध समाहर्ता के न्यायालय में जाने के बदले हाईकोर्ट चली गई।

14 करोड़ का है मामला

यह मामला 14 करोड़ 79 लाख रुपये का है। हाई कोर्ट में केस रद होने के बाद नीलामपत्र वाद पदाधिकारी ने बीओआई सबौर शाखा को सात मार्च तक कल्याण विभाग को राशि वापस करने को कहा था। बैंक ऑफ इंडिया भागलपुर शाखा के खाते से दो करोड़ 91 लाख रुपये की हेराफेरी हुई है।

कोर्ट ने बैंक को प्रॉपर चैनल से आने को कहा था। नियम के तहत बैंक को पहले समाहर्ता के न्यायालय में अपील करनी थी। इस दौरान विवादित रकम की 40 फीसद राशि जमा करनी थी। ऐसा नहीं करने पर केस रिजेक्ट हो गया है। अब बैंक आफ इंडिया को पूरी राशि जमा करनी होगी।