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भागलपुर : कल्याण विभाग ने बैंक आफ इंडिया को भेजा पत्र, लिखा-रुपये वापस कर दीजिए, नहीं तो

भागलपुर में सृजन घोटाले के एक मामले में कल्याण विभाग ने राशि वापस करने के लिए बैंक आफ इंडिया को लिखा पत्र। नीलामपत्रवाद पदाधिकारी ने 30 तक राशि वापस करने दिया है आदेश। हर हाल में 40 प्रतिशत राशि करना होगा जमा नहीं तो निकलेगा वारंट।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 04:18 PM (IST)
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भागलपुर में कल्‍याण विभाग ने बैंक आफ इंडिया से मांगे रुपये।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कल्याण विभाग ने बैंक आफ इंडिया को राशि भेजने के लिए पत्र लिखा है। पत्र बैंक आफ इंडिया के भागलपुर व सबौर शाखा के प्रबंधक को जिला कल्याण पदाधिकारी की ओर से लिखा गया है। सृजन घाेटाला मामले में कल्याण विभाग के 21 कराेड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में अब बैंक आफ इंडिया काे कल्याण विभाग को राशि वापस करने का आदेश दिया गया है। इसके लिए उप विकास आयुक्त सह नीलामपत्र वाद पदाधिकारी प्रतिभा रानी मामले की सुनवाई कर रही थी। मंगलवार काे इस मामले में आदेश जारी कर कल्याण विभाग को 30 सितंबर तक राशि वापस करने का आदेश दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर काे हाेगी। इससे पहले राशि कल्याण विभाग काे वापस कर दें। साथ ही जिला कल्याण पदाधिकारी काे भी निर्देश दिया गया है कि राशि वसूली के लिए वे भी अपने स्तर से पहल करें।

नीलामपत्रवाद पदाधिकारी बैंक आफ इंडिया रिव्यू पीटिशन पर सुनवाई कर रही है। पूर्व में भी नीलामपत्र वाद पदाधिकारी ने बैंक को राशि लौटाने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ बैंक हाई कोर्ट चला गया था। हाई कोर्ट ने मामले को वापस कर दिया था। इसके बाद बैंक ने रिव्यू पीटिशन दिया था। दोनों पक्षों काे सुनने के बाद नीलामपत्र वाद पदाधिकारी ने राशि वापस करने का आदेश दिया है। नीलामपत्र वाद पदाधिकारी के आदेश के आलोक में जिला कल्याण पदाधिकारी ने बैंकों को पत्र लिखकर राशि वापस करने का कहा है।

बैंकों को जमा करनी होगी राशि

बैंक आफ इंडिया, भागलपुर शाखा को छह कराेड़ 91 लाख 33 हजार 712 रुपये और बैंक आफ इंडिया, सबाैर शाखा को 14 कराेड़ 79 लाख 99 हजार 600 रुपये कल्याण विभाग को वापस करना होगा। अगर बैंक प्रमंडलीय आयुक्त के यहां अपील करना चाहेगा तो उसे 40 प्रतिशत राशि जमा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर बैंक अपील दायर नहीं कर सकेगा। राशि जमा नहीं करने की स्थिति में कई प्रकार की कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। वारंट तक निर्गत हो सकता है। 2020 में भी नीलामपत्रवाद पदाधिकारी ने बैंकों को राशि वापस करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ बैंक समाहर्ता के अपील नहीं कर कोर्ट चला गया था। कोर्ट ने बैंक की अपील को खारिज कर प्रापर चैनल आने का आदेश दिया था। जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने बैंक की अपील को खारिज करते हुए कहा था कि नीलामपत्र वाद पदाधिकारी के आदेश के खिलाफ सक्षम अदालत में ही तर्क रखनी चाहिए।

  • 1. बैंक ऑफ इंडिया, भागलपुर: 6 कराेड़ 91 लाख 33 हजार 712 रुपये
  • 2. बैंक ऑफ इंडिया, सबाैर: 14 कराेड़ 79 लाख 99 हजार 600 रुपये

इसके बाद बैंक ने नीलामपत्रवाद पदाधिकारी के यहां रिव्यू पीटिशन दाखिल किया। जिसकी सुनवाई करने के बाद नीलामपत्रवाद पदाधिकारी ने राशि वापस करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अगर बैंक 40 प्रतिशत राशि जमा नहीं करती है तो आयुक्त के यहां अपील में नहीं जा सकेगा। हालांकि बैंक इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। जिला कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय से 221 करोड़ 60 लाख 89 हजार 69 रुपये की अवैध निकासी हुई थी। तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने राशि की वसूली के लिए इंडियन बैंक, बैंक आफ इंडिया सबौर शाखा, बैंक आफ इंडिया भागलपुर शाखा और बैंक आफ बड़ौदा के विरुद्ध नीलामपत्र वाद दायर किया था। तत्कालीन नीलाम पत्र पदाधिकारी सुनील कुमार ने 24 फरवरी 2020 को कल्याण कार्यालय के पक्ष में आदेश देते हुए संबंधित बैंकों को राशि लौटाने का आदेश दिया था।