कोसी में इलाहाबादी अमरूद की संभावना
वन विभाग द्वारा लगातार पौधरोपण किया जा रहा है।
सहरसा (कुंदन कुमार)। बाढ़ प्रभावित और भूकंप के लिए संवेदनशील माने जानेवाले कोसी क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए वन विभाग द्वारा लगातार पौधरोपण किया जा रहा है। जबकि उद्यान विभाग ने सघन बागवानी मिशन के तहत इस इलाके में अभियान चलाकर फलदार वृक्ष लगाने की योजना बनाई है। इसके किसानों को लाभांवित करने के लिए खासकर इलाहाबादी अमरूद की सर्वाधिक खेती कराई जाएगी। प्रथम चरण में 60 हजार हेक्टेयर भूमि में आम व इलाहाबादी अमरूद का पौधा लगाया जाएगा। विभाग का मानना है कि परम्परागत कृषि की अपेक्षा फलदार पौधे और खासकर इलाहाबादी अमरूद की खेती किसानों के लिए सबसे लाभकारी साबित होगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और क्षेत्र का आर्थिक उन्नयन भी होगा।
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एक हेक्टेयर में लगेगा चार सौ पौधा
सघन बागवानी मिशन के तहत एक हेक्टेयर में चार सौ फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे। इसके लिए इच्छुक किसानों के आवेदन पर उन्हें लागत मूल्य का पचास फीसद अनुदान दिया जाएगा। उद्यान विभाग ने एक हेक्टेयर में फलदार पौधारोपण के लिए एक लाख रुपये लागत मूल्य निर्धारित किया है। इस पौधे का तीन वर्ष तक रक्षा करने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर पचास हजार अनुदान प्राप्त होगा। प्रथम वर्ष में प्रति हेक्टेयर 30 हजार तथा द्वितीय व तृतीय वर्ष में दस- दस हजार अनुदान दिया जाएगा। ---
तटबंध के अंदर विशेष रूप से चलेगी योजना
बांस मिशन की तरह कटावग्रस्त क्षेत्र में विशेष रूप से बागवानी मिशन चलाई जाएगी। जिससे किसानों आनेवाले दिनों में बाढ़ व कटाव का खतरा कम हो। इस इलाके में नए सिरे से बांस मिशन चलाए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। जो सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों ²ष्टि से काफी कारगर साबित होगा।
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बागवानी मिशन के तहत कोसी क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें केन्द्र व राज्य दोनो सरकार से अनुदान की राशि दिए जाने की व्यवस्था है। इलाहबादी अमरूद, पपीता आदि की खेती कोसी क्षेत्र के लिए काफी लाभकारी साबित होगा।
संतोष कुमार सुमन
सहायक निदेशक, उद्यान सहरसा।