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Kali Puja 2021: आज भागलपुर में दोपहर बाद होगा मां काली की प्रतिमाओं का विसर्जन, देर रात स्‍टेशन चौक पहुंची 85 प्रतिमाएं

Kali Puja 2021 आज दोपहर बाद भागलपुर में मां काली की प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। देर रात विसर्जन शोभा यात्रा स्‍टेशन चौंक पहुंची। यहां से खलीफाबाग कचहरी चौक होते हुए गंगा घाट पहुंचेगी। विसर्जन शोभा यात्रा में 85 प्रतिमाएं हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Updated: Sun, 07 Nov 2021 07:36 AM (IST)
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Kali Puja 2021: आज दोपहर बाद भागलपुर में मां काली की प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। मौसम का मिजाज शनिवार को बदल गया था। न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक पहुंच गया। शाम ढलते ही पांच किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा लोगों को सर्द होने का अहसास कराने लगी थी। रात दस बजे तक कोहरा और हवा शरीर में ठिठुरन पैदा करने लगी। इसके बाद भी स्टेशन चौक से परबत्ती तक सड़क पर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी। जय काली का जयघोष श्रद्धालुओं में नई ऊर्जा का संचार कर रहा था। मां काली के जयकारे के बीच मु_ी बांध हवा में हाथ लहराते श्रद्धालुओं की भीड़ देख लग रहा था, मानो आस्था के आगे सर्दी के सितम ने भी हार मान ली हो।

भागलपुर की काली प्रतिमा का विसर्जन मेला पूरे बिहार में प्रसिद्ध है। इस कारण भागलपुर के विभिन्न प्रखंडों के साथ ही अलग-अलग जिलों से भी श्रद्धालु पहुंचे थे। शाम से ही सड़क के दोनों ओर खड़े-बैठे श्रद्धालु मां काली की प्रतिमा के आने का इंतजार करने लगे थे। विसर्जन के लिए आगे-आगे परबत्ती की बुढिय़ा काली प्रतिमा निकली और पीछे-पीछे शहर की 85 प्रतिमाएं। यह परंपरा वर्ष 1954 से चली आ रही है।

स्टेशन चौक पर दिखा भव्य नजारा

विसर्जन जुलूस के दौरान शहर का सबसे अद्भूत नजारा स्टेशन चौक पर दिखा। शनिवार की देर रात तक शहर की सभी प्रतिमाएं स्टेशन चौक पर एकत्रित होने लगीं। इस विहंगम दृश्य को देखने के लिए न केवल शहर के लोग बल्कि गोड्डा, साहेबगंज, अकबरनगर, मुंगेर, लैलख, कहलगांव आदि जगहों से बड़ी संख्या में लोग अए थे। स्टेशन चौक पर जब मां की आरती शुरू हुई तो तालियों से स्टेशन चौक गूंज उठा। आरती के दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं।

ठेले और खोमचे वालों की रही चांदी

स्टेशन चौक पर विसर्जन मेले के दौरान रोड के दोनों ओर चाट, पकौड़ी, मिठाइयों की दुकानें सजी थीं। ठेले खोमचे वालों की चांदी रही। कई ठेले वालों ने तो स्टेशन परिसर में भी अपनी दुकान लगा ली थी। कोरोना संकट के कारण बीते दो वर्ष से काली प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान लगने वाले मेला का आयोजन नहीं हो पा रहा था।

इस बार सभी कसर पूरी हो गई।

समोसा, चाट बेचने वाले रणधीर कुमार ने कहा कि देर शाम से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। इस कारण इस बार अच्छी आमदनी हो गई। स्टेशन चौक पर करीब चालीस साल से चाय की दुकान चलाने वाले दुकानदार ने कहा कि दो वर्ष बाद इस बार पहले जैसा विसर्जन मेला दिखा। विसर्जन के दौरान स्टेशन चौक पर तिल रखने तक की जगह नहीं थी।