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Air Pollution In Bihar: अब बिहार में जहानाबाद की हवा खतरनाक, 376 पहुंचा AQI; तीन दिनों में सौ से अधिक अंकों की हुई बढ़ोतरी

Air Pollution In Bihar बिहार में अब जहानाबाद की हवा खतरनाक हो गई है। ठंड की मार तो कुछ कम हुई पर वायु में प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई हैं। इससे जिलेवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। पिछले तीन दिनों से दिन के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है लेकिन सुबह शाम लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है।

By shiv kumar mishra Edited By: Mukul KumarUpdated: Thu, 01 Feb 2024 05:10 PM (IST)
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अब बिहार में जहानाबाद की हवा खतरनाक

जागरण संवाददाता, अरवल। जिले में ठंड की मार तो कुछ कम हुई पर वायु में प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई हैं। इससे जिलेवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। पिछले तीन दिनों से दिन के अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सुबह शाम लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है। सुबह के समय कोहरा भी छाया रहता है।

गुरुवार के दिन आसमान में बादल छाये रहे और वायु में प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। वायु में प्रदूषण की मात्रा में बढ़ने से सांस की बीमारी वाले लोगों को परेशानी हो रही है। गुरुवार को जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 376 के स्तर तक पहुंच गया जो डेंजर जोन में है। 29 जनवरी को जहां वायु में एक्यूआई का स्तर 255 था।

वहीं तीन दिनों में 100 से अधिक अंक की वृद्धि हुई है जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। मानक के अनुसार, 50 तक एक्यूआइ स्तर सामान्य श्रेणी में आता है। 50 से अधिक एक्यूआई का स्तर बढ़ने से लोगों में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी की आशंका बढ़ जाती है।

वायु प्रदूषण बढ़ने से आमलोग चिंतित

दीपावली के बाद से ही लगातार जिले के एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी से आमलोग चिंतित हैं। लेकिन इस वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकारी या गैर सरकारी स्तर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।वायु प्रदूषण में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी जिले के लोगो के लिए समस्या बन रही है।

ठंड से बचने के लिए लोगों द्वारा लकड़ी, पॉलिथिन व टायर जलाने के साथ कोहरे के कारण भी वायु प्रदूषण का स्तर में इजाफा हो रहा है। ठंड के मौसम में धूल-कण वायुमंडल में नहीं जा पाता है।

धूल-कण हवा में ही तैरते रहता है इन कारणों से वायु प्रदूषण हो रहा खतरनाक जिले में प्रदूषण के स्तर बढ़ने के कई कारण है। जिसमें मुख्यत ईट भट्ठा के चीमनियों से निकलने वाली धुंआ, घरों के निर्माण के कराण निकलने वाले धूल-कण, सड़को पर चलने वाली पुरानी गाड़ियां हैं।

वहीं ठंड से बचने के लिए जलाए जाने वाले पॉलिथिन व टायर से भी निकलने वाली धुआं वायु प्रदूषण को बढ़ा रही है।

ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है इसका मुख्य वजह वायु में नमी का होना है।  फरवरी माह तक वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहेगा। वातावरण में गर्मी आने के बाद प्रदूषण का स्तर घटेगा। लोगों को बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करना चाहिए।-  दीनदयाल कुमार, पर्यावरणविद्

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